कंगना को हरामखोर कहने पर कोर्ट में घिरे संजय राउत

जज बोले, तो फिर नॉटी का मतलब क्या होता है?

राज्य डेस्क

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और बीएमसी के बीच ऑफिस का एक हिस्सा तोड़े जाने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में कानूनी जंग जारी है। आज इस मामले पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कंगना रनौत को ’हरामखोर’ और नॉटी कहने का मुद्दा भी उठा। कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने दलील दी कि इस केस में कंगना के साथ गलत हुआ है। इस दौरान कंगना रनौत की ओर से दिए गए टीवी इंटरव्यू का भी जिक्र किया गया। बीएमसी की ओर से पेश हुए वकील अस्पी चिनॉय ने कंगना के वकील से उनके टीवी न्यूज चैनल को दिए पूरे इंटरव्यू का वीडियो देने के लिए भी कहा है।
कंगना के वकील सराफ ने इसके जवाब में उन्हें कहा कि सभी इंटरव्यू की सीडी देंगे, जिसमें उन्होंने (राउत) हरामखोर शब्द के मतलब को भी बताया है। जिस पर जस्टिस कथावाल ने कहा कि हमारे पास उसके लिए शब्दकोश है। इसके बाद सराफ ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत के मुताबिक इस शब्द (हरामखोर) का मतलब नॉटी होता है। जिस पर जस्टिस कथावाल ने हैरानी जताते हुए पूछा तो फिर नॉटी का क्या मतलब होता है? कंगना रनौत के दफ्तर में तोड़फोड़ को लेकर कोर्ट ने एक बार फिर बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को फटकार लगाई। कोर्ट ने बीएमसी पर तंज कसते हुए कहा कि कई मामलों में आदेश के बाद भी ऐसा नहीं किया गया। बीएमसी इतनी तेजी दिखाती तो मुंबई रहने के लिए और बेहतर शहर होता। कंगना के वकील ने हाई कोर्ट में दलील दी कि बीएमसी की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत केस में काफी मुखर रहीं कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कर दी थी। इसको लेकर शिवसेना से उनकी ठन गई। शिवसेना नेता संजय राउत सहित कई नेताओं ने उन्हें मुंबई नहीं आने के चेतावनी दी थी। हालांकि, केंद्र से वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिलने के बाद 9 सितंबर को कंगना रनौत मुंबई पहुंचीं, लेकिन उसी दिन बीएमसी ने उनके दफ्तर में जेसीबी ले जाकर तोड़फोड़ की थी।

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