ओली-प्रचंड अपने रुख पर अड़े, नहीं बनी सहमति
इंटरनेशनल डेस्क
काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक उठापटक चरम पर पहुंच चुका है और अब जल्द ही कुछ निर्णायक हो सकता है। पीएम केपी शर्मा ओली की ओर से राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाए जाने की साजिश का आरोप लगाए जाने के बाद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने बिद्या देवी भंडारी से शीतल निवास में मुलाकात की। इसके बाद प्रचंड प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। कल एक बार फिर दोनों की बैठक होगी। लेकिन जिस तरह दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं उससे यह तय माना जा राह है कि सुलह संभव नहीं है। कोरोना वायरस महामारी के बीच नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन चुका है। चीन के इशारे पर भारतीय इलाकों को देश के नए नक्शे में शामिल करके भी ओली अपने खिलाफ उठती आवाजों को दबा नहीं सके। कुशासन, भ्रष्टाचार, कोविड-19 के खिलाफ इंतजाम में कमियों को लेकर केपी के खिलाफ ना सिर्फ जनता में आक्रोश है, बल्कि पार्टी का भी वह विश्वास खो चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता उनसे पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री का पद छोड़ने को कह चुके हैं। पार्टी में बढ़ती कटुता के बीच केपी शर्मा ओली पर पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पीएम ओली ने मंत्रियों से कह दिया है कि वह कोई एक पक्ष चुन लें, वे बता दें कि उनके साथ हैं या विरोधी खेमे के साथ। उन्होंने मौजूदा परिस्थिति में कोई बड़ा कदम उठाने की संभावना जता चुके हैं। इससे पहले गुरुवार को मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। इसको लेकर अब कांग्रेस में भी विवाद हो गया है। पार्टी नेताओं ने अध्यक्ष से इसको लेकर जवाब मांगा है।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओ और नेपाल के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल, माधव नेपाल और झालानाथ खनल ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिलकर उन्हें कहा कि वह महाभियोग नहीं लाना चाहते हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा लगाया गया यह आरोप सच नहीं है। तीनों नेताओं की राष्ट्रपति के साथ करीब 45 मिनट की बातचीत हुई। नाकामियों की वजह से हिलती कुर्सी के लिए भारत और काठमांडू में साजिश रचे जाने का आरोप लगा चुके नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर कहा है कि उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश की जा रही है। इस बार एक कदम आगे बढ़ते हुए उन्होंने यह भी दावा किया है कि राष्ट्रपति पर भी महाभियोग चलाने की तैयारी है।