एएसआई करेगी काशी विश्वेश्वरनाथ स्वयं भू शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच

-बिना क्षति पहुंचाए शिवलिंग की आयु का पता लगाने के जांच की मिली अनुमति

-लक्ष्मी देवी व अन्य का केस खारिज करने का अधीनस्थ अदालत का आदेश रद्द

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी-विश्वनाथ मंदिर परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच व साइंटिफिक सर्वे की मांग में दाखिल याचिका स्वीकार कर ली है और एएसआई को बिना क्षति पहुंचाए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच करने का आदेश दिया है।

वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इंकार कर दिया था। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने लक्ष्मी देवी व अन्य की याचिका पर दिया है।

याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने पक्ष रखा। याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन, ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा।

कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुक़सान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है,क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा। एएसआई ने कहा बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जांच की जा सकती है।

मालूम हो कि ज्ञानवापी परिसर में 16 मई 22 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान मिले कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल वाद जिला अदालत वाराणसी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है। ऐसे में सिविल कोर्ट को आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।

जिला जज वाराणसी के 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका कर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से यह सिविल रिवीजन दाखिल की गई है। जिसे कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस के बाद स्वीकार कर लिया है।

आर.एन/सियाराम

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