एआरटीओ ने ई रिक्शों पर कसा शिकंजा, 25 ई रिक्शा के खिलाफ की गई करवाई
बांदा (हि.स.)। शासन के निर्देश पर शुक्रवार को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) शंकर जी सिंह ने स्कूल वाहनों को रोक कर उसमें सवार स्कूली बच्चों से घर से स्कूल और स्कूल से घर तक पहुंचने की टाइमिंग पूछी और इसके बाद उनका बयान दर्ज किया। पहले दिन करीब 35 वाहनों को रोक कर यह चेकिंग अभियान चलाया गया।
शहर के कालू कुआं चौराहे में सहायक संभागीय अधिकारी शंकर जी सिंह और यात्री कर अधिकारी ने स्कूल जा रहे वाहनों को रोक कर उसमें सवार बच्चों से बातचीत की। इन अधिकारियों ने बच्चों से जानना चाहा कि उन्हें इन वाहनों के जरिए घर से स्कूल और स्कूल से घर आने में कितना समय लगता है। ज्यादातर बच्चों ने 30 से 40 मिनट का समय बताया।
इस बारे में जानकारी देते हुए एआरटीओ शंकर जी ने बताया कि विधानसभा में उठाए गए एक प्रश्न के बाद शासन द्वारा यह जानने की कोशिश की गई है कि स्कूल वाहनों से बच्चों को आने-जाने में 1 घंटे से अधिक समय तो नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आज से चेकिंग अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान कल भी जारी रहेगा पहले दिन लगभग 35 वाहनों में सवार बच्चों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज कर वीडियो भी बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठा कर लाने ले जाने पर भी पाबंदी है ऐसे वाहन पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कारवाई की जाती है। इसके अलावा स्कूल वाहनों का फिटनेस चेक किया जा रहा है। जिन वाहनों का फिटनेस सही नहीं मिलता उन्हें नोटिस निर्गत की जा रही है।
स्कूल बसों की तरह ही सहायक संभागीय अधिकारी के नेतृत्व में आज ई रिक्शा के खिलाफ भी चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्ट्रेशन आदि न पाए जाने पर 25 वाहनों को पकड़ लिया गया। कुछ ऐसे भी वाहन पकड़े गए हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर चल रहे हैं। इस बारे में एआरटीओ ने बताया कि कुछ एजेंसी शहर में बिना रजिस्ट्रेशन के ई रिक्शा चलवा रही हैं। इनमें गौरी और पप्पू एजेंसी के नाम सामने आए हैं। इन्हें इस संबंध में नोटिस जारी की गई है। उन्होंने यह भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ई रिक्शा चलाते हुए नाबालिग पाए गए तो ई रिक्शा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अनिल/पदुम नारायण