एआईएमआईएम पार्टी शुरू से विघटनकारी रही : बृज लाल

लखनऊ (हि.स.)। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को देशभर में लागू होने के बाद एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उनके इस बयान का पलटवार करते हुए पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सांसद बृज लाल ने जमकर हमला बोला।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृज लाल ने कहा कि आवैसी कहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून विघटनकारी है। मगर मैं यह कहता हूं कि ये कानून विघटनकारी नहीं हैं। यह कानून पाकिस्तान, आफगानिस्तान, बांग्लादेश से आये हिन्दूओं, सिक्खों, पारसियों, इसाईयों को इनकों नागरिकता दी है।

उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी तो पहले ही विघटनकारी रही है। 12 नवम्बर 1927 में बनी आपकी पार्टी का क्या उदृेश्य था। हैदराबाद रियासत को इस्लामिक कंट्री बनाना संभव नहीं हो पाया तो दक्षिणी पाकिस्तान बनाने का प्रयास किया गया। आपके निजाम कितने हिन्दू विरोधी थे, वो कहा करते थे सुनके नराये तकबीर जलजला आ ही गया तराये झुनार पर। जब हम नराये तकबीर का नारा लगाते हैं तो हिन्दुओं के जनेऊ पर जलजला पैदा हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आप अपने तीसरे अध्यक्ष का नाम नहीं लोगे। कासिम रिजवी जिसने डेढ़ लाख रजाकार बनाये थे और हैदराबाद रियासत में हिन्दुओं नरंसहार किया था। दस जून 1948 को रिजवी ने कहा था कि हम मुसलमान इस देश पर राज्य करने के लिए पैदा हुए हैं। इंशाह अल्लाह एक दिन हम लाल किले पर आजफ जाही मतलब निजाम का झंडा फहरायेंगे। उसने यह भी कहा था कि अगर भारत ने हैदराबाद को मिलाने का प्रयास किया तो यहां के 85 प्रतिशत हिन्दुओं के हड्डीयां और राख मिलेंगे।

बृज लाल ने कहा कि मैं सलाम करता हूं लौह पुरूष सरदार पटेल का, जिन्होंने आपरेशन चलाकर हैदराबाद को भारत में मिलाया। कासिम रिजवी गिरफ्तार हुआ। आपकी पार्टी को बैन कर दी गयी, लेकिन नेहरू जी की तुष्टिकरण नीति के कारण आपकी पार्टी 1927 में फिर जिंदा हुई। रिजवी पाकिस्तान चला गया। आप कांग्रेस की तुष्टीकरण की उपज है उवैसी जी।

दीपक/राजेश

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