उप्र विस सत्र : सपा के कैडर को मिलता था लोहिया आवास का लाभ – योगी
लखनऊ(हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के कामकाज को लेकर कटघरे में खड़ा किया। सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में बोलने खड़े हुए तो अखिलेश के हर सवाल और आरोपों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री योगी के भाषण में कभी आक्रामकता दिखी तो कभी अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच मनमुटाव की बात कहकर चुटकी भी ली। दोनों ओर के सदस्यों ने कभी मेजें थपथपाईं तो कभी अपने नेता के समर्थन में बोलते हुए दिखाए दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में मैं पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गया। पता लगा कि उन्हें सूखे ब्रेड दिये जाते थे। कोई राहत नहीं, कोई मुआवजा नहीं। आपदा राहत का पैसा बंदरबांट हो जाया करता था। मैंने उसी दिन बैठक ली और राहत किट तैयार करने का निर्णय लिया। उस किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दाल, नमक, माचिस, मसाले, केरोसिन जैसी चीजों की व्यवस्था की। महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया।
नेता सदन ने कहा कि इस वर्ष 26964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराया गया। 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए। 909 बाढ़ शरणालय बनाये गये। पशुओं के लिए चारे भी बनाये गये। प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई। प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है। मगर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है। 403 एमएम बारिश में से अबतक 303 एमएम बारिश हुई है। मगर ये बारिश एक बार में हुई है।
योगी ने कहा कि इन्सेफलाइटिस से पूर्वी यूपी में चालीस साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। चार बार सपा को प्रदेश की सत्ता संभालने का मौका मिला था। 90 फीसदी मरने वाले बच्चे दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ी जाति के थे। क्या यहां पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) नहीं था। तब क्या कर रहे थे।
मुझे यह बताने में गर्व होता है कि हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इन्सेफेलाइटिस का समूल नाश कर दिया। आज आप जाइए गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, पीलीभीत, लखीमपुर और सहारनपुर तक इंसेफेलाइटिस समाप्त हो चुका है। बस घोषणा होना बाकी है।
प्रदेश में 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत की सुविधा
आज सरकारी अस्पताल में मरीज इसलिए आ रहा है कि उसे दवाएं मिल रही हैं। डॉक्टर मिल रहे हैं। आपके समय में न दवा थी, न डॉक्टर थे। अपनी विफलता को छिपाने के लिए आपको वहां किसी गरीब का आना और उसे आयुष्मान भारत सुविधा के अंतर्गत 05 लाख की बीमा की सुविधा मिलना बुरा लगता है।
प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत की सुविधा मिल रही है। वो आपके लिए जाति हो सकते हैं, वोट बैंक का मुद्दा हो सकता है। हमारे लिए यूपी का नागरिक परिवार का हिस्सा है। हमें विरासत में जर्जर व्यवस्था मिली थी। उसे सुधारने में वक्त जरूर लगेगा मगर वहां उमड़ती भीड़ यह बताती है कि लोगों का इस व्यवस्था में विश्वास भी बढ़ा है। वहां पहले से सुविधा बेहतर हुई है। पब्लिक को आपमें विश्वास ही नहीं था इसलिए आपको नकार दिया। 2014, 2017, 2019 और 2022 में जनता ने नकारा है। अगर आपका यही रवैया रहा तो अगली बार आप यहां बैठने लायक भी नहीं रहेंगे।
लोहिया आवास में सपा के कैडर को आवास दिया जाता था
नेता सदन ने कहा कि बिजनौर के किसानों की चर्चा नेता विरोधी दल कर रहे थे। आपको पता होना चाहिए कि 20 तेंदुओं को वहां से निकाला गया है। रेस्क्यू टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं। हम किसान को सुरक्षित रखेंगे, साथ ही वन्यजीवों को रेस्क्यू करके सुरक्षित करने का कार्य भी करेंगे। नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि पीएम आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग पीडीए के पार्ट नहीं हैं क्या ? क्यों नहीं अबतक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वे दलित और गरीब थे। 2017 से अबतक 55 लाख लोगों को आवास दिलाये गये हैं। लोहिया आवास में आप सपा के कैडर को आवास देते थे। सपा कार्यालय यह तय करता था कि किसको आवास मिलना है।
हम पिछली सरकार की सूची को ही स्वीकार करते हुए सभी को पीएम आवास योजना के तहत मकान देने का कार्य किया है। सपा सरकार कहती थी कि दलित हमारे वोट बैंक नहीं हैं, इसलिए उन्हें आवास नहीं देंगे। 2017 में जब हमारी सरकार आई उसके बाद 55 लाख गरीबों को आवास दिया गया है। उसमें से 44 लाख से अधिक आवास में गृह प्रवेश भी हो चुका है। डबल इंजन सरकार ने एक और काम किया है। प्रयागराज में एक भूमाफिया की जमीन को मुक्त कराके 76 गरीबों को वहां भी आवास देने का कार्य किया गया है।
दिलीप शुक्ल/पदुम नारायण