उप्र के 507 प्रवासी भारतीयों को यूपीएनआरआई कार्ड जारी

-एनआरआई की सुविधा के लिए नोडल अधिकारी नामित

लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश के प्रवासी भारतीयों को आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने और निवेश को आकर्षित करने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च की गई www.nri.up.gov.in वेबसाइट के जरिए तेजी से कवायद की जा रही है। 
इसके तहत यूपीएनआरआई कार्ड जारी किये जाने के लिए अब तक प्राप्त 568 प्रार्थना-पत्रों के सापेक्ष 507 कार्ड जारी किये जा चुके हैं। साथ ही वेबसाइट पर निवेश के संबंध में प्रवासी भारतीयों से प्रस्ताव भी प्राप्त हुए और उनकी आशंकाओं का समाधान भी सुनिश्चित किया गया है।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा एनआरआई मंत्री  सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शुक्रवार को बताया कि प्रवासी भारतीयों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए एनआरआई की सुविधा हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जिनके माध्यम से प्रवासी भारतीयों की जिज्ञासाओं का त्वरित समाधान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। 
उन्होंने बताया कि ओमान में एनआरआई शिशिर सिंह द्वारा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के संबंध में इच्छा व्यक्त की गई, जिसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार की नीतियों एवं योजनाओं के संबंध में जानकारी मांगी। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका में एनआरआई आशीष शर्मा ने गोरखपुर में अन्तरराष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय स्थापित करने की इच्छा प्रकट की और इस संबंध में आवश्यक जानकारियां चाहीं। 
इनके अलावा कनाडा में एनआरआई प्रशांत पाठक ने अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट रेगराटा को चीन से उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया। जिसमें 750 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस बारे में उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से उद्यम स्थापना संबंधी आवश्यक जानकारी दिये जाने का अनुरोध किया। नोडल अधिकारी द्वारा तत्काल इन सभी उद्यमियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया और आवश्यक जानकारियां भी उपलब्ध करा दी गई हैं।
एनआरआई मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार के चयन की कार्यवाही तेजी से चल रही है। पुरस्कार के चयन के लिए 08 महानुभावों के प्रमाण-पत्र परीक्षण की प्रक्रिया के अधीन हैं। इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय के मृत शरीर के पारगमन के लिए उचित कार्यवाही भी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर कुल 09 शिकायती पत्र भी प्राप्त हुए, जिनको सम्बन्धित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारियों को प्रेषित किया गया। साथ ही नोडल अधिकारी द्वारा लगातार इनका अनुश्रवण कर प्रकरण को निस्तारित भी कराया गया।

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