उप्र के कृषि विश्वविद्यालयों में बनेंगे टेस्टिंग लैब, जैविक उत्पादों का होगा सत्यापन

– आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या में बनेगी टिशू कल्चर प्रयोगशाला

– राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश

– मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने का निर्देश

लखनऊ(हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के जैविक व प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन और ब्रांडिंग के लिए उत्तर प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने अयोध्या स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी सोमवार को राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 168वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने किसानों के हित संरक्षण में कई दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी, फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। यह प्रयोगशाला कम से कम 03 हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित हो। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक एवं प्राकृतिक उत्पादों के आउटलेट वर्तमान में मंडल मुख्यालय पर स्थापित हैं। इन्हें जिला मुख्यालय तक विस्तार देने की आवश्यकता है। मंडी समितियों में भी आउटलेट खोले जाएं। जैविक व प्राकृतिक बाजार लगवाएं। किसानों के जैविक व प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन, ब्रांडिंग के लिए लैब टेस्टिंग आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि यद्यपि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लखनऊ, मेरठ, बनारस एवं झांसी में प्रयोगशालाएं संचालित हैं, लेकिन प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में कोई लैब संचालित नहीं है। ऐसे में मंडी परिषद द्वारा प्रदेश के सभी 04 कृषि विश्वविद्यालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित किया जाए।

मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने का निर्देश

योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। वर्तमान में 05 विश्वविद्यालयों एवं 23 महाविद्यालयों में कृषि एवं गृह विज्ञान के विद्यार्थियों को 3000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। योजना का लाभ अधिकाधिक युवाओं को मिले, इसके लिए इसमें कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी तथा 37 अन्य महाविद्यालयों को भी इसमें शामिल किया जाए।

मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जहां 614 करोड़ रुपये की आय हुई, वहीं 2022-23 में 1520.95 करोड़ की आय हुई थी। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले दो माह ने अब तक 251.61 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहीत हो चुका है। मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है।

पटरी व्यवसायियों को समायोजित करने का निर्देश

उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में ग्रामीण हाट पैठ और आधुनिक किसान मंडियों का निर्माण कराया है। क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाट पैठ और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए। इनका अच्छा मेंटीनेंस रखें। पटरी व्यवसायियों को यहां समायोजित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मंडियों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो। जलभराव की स्थिति न हो। किसानों की सुविधा का पूरा ध्यान रखें और कृषि फसल की सुरक्षा के अच्छे प्रबंध हों। शौचालय व पेयजल के पर्याप्त इंतज़ाम रखें।

मंडी परिषद की निष्प्रयोज्य भूमि व भवन का हो व्यवस्थित इस्तेमाल

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कृषि उत्पादन मंडी परिषद की भूमि व भवन निष्प्रयोज्य हैं। इसके व्यवस्थित इस्तेमाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इस प्रकार परिषद अपनी आय का एक नवीन विकल्प भी सृजित कर सकता है।

मंडी परिषद द्वारा नवी मुंबई में निर्यात प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2006 में स्थापित किये गये ऑफिस ब्लॉक को और उपयोगी बनाने के लिए उसे एमएसएमई विभाग से जोड़ने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इसके लिए राजधानी लखनऊ में ‘एग्री मॉल’ स्थापित किया जा रहा है। इस संबंध में कार्यवाही तेजी से आगे बढाएं। एग्री मॉल में किसान सीधे अपने फल, सब्जियों की बिक्री कर सकेंगे।

पीएन द्विवेदी/मोहित

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