उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएंगी।
संवाददाता रोहित कुमार गुप्ता उतरौला(बलरामपुर) सीएचसी उतरौला क्षेत्र की आधी से अधिक ग्राम पंचायतों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा नहीं है। जिसके चलते सीएचसी उतरौला में प्रसव पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ गई है।गर्भवती महिलाओं का प्रसव केन्द्र बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शासन को पत्र नहीं लिखा।
सीएचसी उतरौला क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैरमपुर, बकसरिया, गुरदयाल डीह, जाफराबाद, जनुका जनुकी, मधपुर, मानापार बहेरिया, मोहनोत, पेहर, रमवापुर खुर्द, तेन्दुवा तकिया में उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित कर रखा है। इस ग्यारह उपस्वास्थ्य केन्द्र पर लगभग चार चार ग्राम पंचायतें जुड़ी हुई है। इस तरह पचासों गांव की महिलाओं का केन्द्र से जुड़े होने से उनके स्वास्थ्य का परीक्षण इसी केन्द्रों पर अक्सर होता रहता है। पूरे क्षेत्र की लगभग आधी आबादी महिलाओं का होने के बाद इस उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव का कोई इंतजाम नहीं है। मजबूरन इस क्षेत्र की महिलाएं प्रसव कराने के लिए जिला अथवा तहसील मुख्यालयों को चक्कर लगानी पड़ती है। शासन ने गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने के लिए सीएचसी उतरौला के आधे उपस्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव का इंतजाम कर रखा है लेकिन आधे से अधिक केंद्र इस सुविधा से वंचित हैं। ब्लांक प्रमुख प्रतिनिधि महिपाल चौधरी ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में सीएचसी उतरौला के सभी उपस्वास्थ्य केंद्रो पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने का इंतजाम करने की मांग की है। सीएचसी उतरौला अधीक्षक डा सी पी सिंह ने बताया कि सीएचसी उतरौला के ग्यारह उपस्वास्थ्य केंद्र पर शसन ने गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने की योजना की स्वीकृति नहीं दी है। शासन से स्वीकृति मिलने पर उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएंगी।