उपभोक्ता सेवाओं में बिजली कंपनियों की रेटिंग खराब, उपभोक्ता परिषद ने सख्ती की मांग की

लखनऊ (हि.स.)। रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड आरईसी की जारी वर्ष 2022-23 की कंज्यूमर सर्विस सेवा की रेटिंग में उप्र के बिजली कंपनियों का बुरा हाल है। नोयडा पावर को छोड़कर किसी भी कंपनी को ए ग्रेड नहीं मिला है। इस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार से बिजली कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।

दिल्ली सहित प्रदेश की निजी क्षेत्र की बिजली कंपनी एनपीसीएल सबसे ऊपर ‘‘ए प्लस” में टॉप पर है। वहीं आन्ध्रप्रदेश की तीन बिजली कम्पनियां ‘‘ए” ग्रेड पाकर ऊपरी पायदान रहीं। सबसे निचले पायदान पर जम्मू कश्मीर व झारखण्ड की कंपनियां हैं। रूलर इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड (आर0ई0सी) द्वारा शुरू की गयी पूरे देश के 62 डिस्कॉम के 32 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं की सभी राज्यों की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग दो दिन पहले जारी की गई है। उसके संबंध में आरईसी द्वारा एक मानक बनाकर उस पर 100 मार्क के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में ग्रेडिंग किए जाने का प्रावधान किया है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों की सेवाओं में सुधार के लिए नकेल कसने की जरूरत है। इसके लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी दूर हो सके। इस रेटिंग में कानपुर की केस्को, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को बी ग्रेड मिला है। वहीं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को सी प्लस का ग्रेड मिला है।

अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की देखरेख में कंज्यूमर सर्विस रेटिंग आप डिस्कॉम का खुलासा किया गया है। उससे एक बात तो साफ हो गई कि प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं की सेवाओं मैं भारी गिरावट देखा जा रहा है। इससे यह सिद्ध होता है कि प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीडन एन केन प्रकारेण अधिकतम सीमा पर किया जा रहा है। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार व पावर कारपोरेशन को गंभीरता से विचार विमर्श कर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता सेवा में सुधार के लिए अग्रसर होना चाहिए।

उपेन्द्र/मोहित

error: Content is protected !!