उतरौला नगर पालिका द्वारा जलवाए जा रहे अलाव की हालत यह है कि अलाव में आग तो दूर धुंआ तक नहीं उठ रहा है।

रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला(बलरामपुर) जनवरी में बढ़ी ठंड व गलन से आम जनमानस ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। वहीं लोगों को ठंड से राहत दिलाने के नाम पर प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह बेसुध पड़ी है।
उतरौला नगर के विभिन्न स्थानों पर नगर पालिका परिषद द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की हालत यह है कि गरीबों व राहगीरों के लिए जलने वाले अलाव में आग तो दूर धुंआ तक नहीं उठ रहा है। गीली लकड़ी की आपूर्ति कर नगर पालिका कर्मी ही अपना हाथ सेंकने में जुटे हैं, जबकि उतरौला नगर पालिका अधिकारी इससे अंजान हैं। बता दें कि जनवरी माह लगते ही ठंड ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। सूर्य देवता ने दर्शन देना बंद कर दिया है। उतरौला नगर पालिका द्वारा अलाव में जलवाई जा रही लकड़ियों में लोग मोबिल आयल, कागज, टायर व कूड़े के सहारे आग लगाकर अलाव को फूंकते व ठंड से लड़ते नजर आ रहे हैं। दोपहर में सूर्य देवता के दर्शन होने पर लोगों को थोड़ी राहत मिल जाती है।

शाम होते ही मौसम करवट ले लेता है और ठंड के साथ गलन भी बढ़ जाती है। लोगों को अलाव की आवश्कता महसूस होने लगती है, तब उतरौला नगर पालिका द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की पोल खुल जाती है। नगर पालिका की गाड़ी लकड़ी लेकर चिन्हित स्थानों पर पहुंचती है। पालिका कर्मी वहां लकड़ी के कुछ टुकड़े गिराते हैं और लकड़ियों पर जलनशील पदार्थ डालकर आग लगा देते हैं। जलनशील पदार्थ ऊंची लपटों के साथ जलने लगता है और कर्मचारी इन्हीं लपटों की सेल्फी लेकर चलते बनते हैं। लकड़ी पर पड़े ज्वलनशील पदार्थ जल कर खत्म होने के बाद गीली लकड़ी ठंड पड़ जाती है। ठंड से परेशान लोगों ने अलाव की लकड़ी जलाने का काफी प्रयास करते हैं, लेकिन सारी कोशिशें व्यर्थ रहती है।

कारण लकड़ी गीला होना बताया जाता है। हिन्दुस्तान डेली न्यूज़ टीम ने विभिन्न स्थानों पर जाकर अलाव की लकड़ियां देखी। सभी स्थानों पर नगर पालिका द्वारा डाली गई लकड़ियां गीली दिखी। टैक्सी स्टैंड, कई मोहल्लो मे लोगों ने बताया कि पालिका द्वारा सिर्फ सुबह के समय लकड़ी के कुछ टुकड़े डालकर चले जाते हैं। शाम में अलाव के लिए लकड़ियों का कोई प्रबंध नहीं किया जाता है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजमणि वर्मा से अलाव में गीली लकड़ी डाले जाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहुंच कर देखता हूं सूखी लकड़ी जलाने का सख्त निर्देश दिया गया है।

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