उतरौला की एम आर एफ योजना के लिए प्लान्ट का निर्माण शुरू नहीं हो सका।
रोहित गुप्ता
उतरौला बलरामपुर।
अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण के लिए आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला की एम आर एफ योजना के लिए प्लान्ट का निर्माण शुरू नहीं हो सका। नपाप ने इस योजना का टेन्डर निकाल दिया है लेकिन निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका। शासन ने आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी अर्थात एम आर एफ योजना के लिए ग्राम देवरिया मैनहा में लगभग दो एकड़ ग्राम पंचायत की भूमि का चयन किया। लगभग 33 लाख रुपए की लागत से बनने वाले प्लान्ट में सूखा कूड़ा एकत्रित कर रिसाइकिल किए जाने की योजना है। उसके बाद गीले कूड़े से कम्पोस्ट खाद बनाकर किसानों को सस्ते दर पर खाद बेचने की योजना है।
आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के पच्चीस वार्ड में लाखों लोग रहते हैं। इनके कूड़े को एकत्रित करने के लिए जगह जगह गीला सूखा कूड़ा एकत्रित करने के लिए अलग अलग डस्टबीन नपाप उतरौला ने रखवा दिया है। इस डस्टबीन में नगरवासी कूड़ा फेक देते हैं। इस कूड़े को सफाई कर्मी उठाकर नपाप उतरौला के बाहर निश्चित स्थान पर फेंक देते हैं। इस कूड़े को सफाई कर्मी गोण्डा मोड़,डाक बंगला,बरदही बाजार,पिपरा रोड, फक्कड़ दास मंदिर, डुमरियागंज रोड, तहसील परिसर, मुंसिफ मजिस्ट्रेट उतरौला न्यायालय परिसर व पुरानी तहसील के पास समेत कई जगहों पर कूड़ा प्रबंधन की ठोस व्यवस्था न होने से जगह जगह गन्दगी का ढेर लगा रहता है।
सबसे अधिक कूड़ा हाटन रोड पर सड़क के दोनों ओर इकट्ठा रहता है। कूड़ा प्रबंधन न होने से इस सड़क पर चलने वाले राहगीरों को भीषण दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। भीषण दुर्गंध से तमाम तरह की बीमारी फैलने की आंशका बनी रहती है। वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सिन्हा ने नवनियुक्त डीएम डा महेंद्र सिंह के समाधान दिवस में आने पर इसकी शिकायत की थी और आरोप लगाया कि नगर में क ई जगह एकत्र कूड़े के कूड़ा प्रबंधन की ठोस व्यवस्था न होने से शहर की गन्दगी दूर नहीं हो पा रही है। जिस पर डीएम ने नपाप के अधिशासी अधिकारी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।