इसरो के ‘मिशन गगनयान’ की क्रू रिकवरी टीम को नौसेना ने दिया पहला प्रशिक्षण
– गोताखोरों और समुद्री कमांडो की टीम ने क्रू मॉड्यूल को प्रशिक्षित किया
– आने वाले महीनों में इसरो की लॉन्चिंग टीम में शामिल होगी प्रशिक्षित टीम
नई दिल्ली(हि.स.)। इसरो के ‘मिशन गगनयान’ की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच को भारतीय नौसेना की टीम ने पहले चरण का प्रशिक्षण दिया है। कोच्चि में नौसेना की जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा (डब्ल्यूएसटीएफ) में यह प्रशिक्षण दिया गया है। नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की एक टीम ने विभिन्न समुद्री परिस्थितियों में क्रू मॉड्यूल को प्रशिक्षित किया। यह प्रशिक्षित टीम अब आने वाले महीनों में इसरो के ‘मिशन गगनयान’ की लॉन्चिंग टीम में शामिल होगी।
कोच्चि स्थित डब्ल्यूएसटीएफ भारतीय नौसेना की एक जल जीवन रक्षा परीक्षण सुविधा है, जहां विमान चालक दल को कई दुर्घटना परिदृश्यों और मौसम की स्थिति के तहत फंसी हुई उड़ान से बचने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की समुद्री या पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित किये जाने की क्षमता है, ताकि चालक दल को हर परिस्थिति के लिए अच्छी तरह से तैयार किया जा सके। मिशन गगनयान की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच ने डब्ल्यूएसटीएफ में प्रशिक्षण का पहला चरण पूरा किया है। यह प्रशिक्षित टीम अब आने वाले महीनों में इसरो के ‘मिशन गगनयान’ की लॉन्चिंग टीम में शामिल होगी।
मिशन गगनयान की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच ने भारतीय नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की टीम से विभिन्न समुद्री परिस्थितियों में क्रू मॉड्यूल का प्रशिक्षण लिया। दो सप्ताह के प्रशिक्षण कैप्सूल में मिशन के संचालन, चिकित्सा अत्यावश्यकताओं के दौरान की जाने वाली कार्रवाइयों और विभिन्न विमानों और उनके बचाव उपकरणों से परिचित होने के बारे में जानकारी दी गई। भारतीय नौसेना और इसरो की संयुक्त टीम ने इस प्रशिक्षण को मान्य किया। समापन दिवस पर इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के निदेशक डॉ. मोहन एम ने प्रदर्शन देखा और टीम के साथ बातचीत की।
क्या है मिशन गगनयान
गगनयान परियोजना में 3 दिनों के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 किमी. की कक्षा में लॉन्च करने के बाद उन्हें भारतीय समुद्री जल में उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई है। गगनयान मिशन के लिए चालक दल को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने को लेकर चालक दल को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास शामिल है। वास्तविक मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन को अंजाम देने से पहले प्रौद्योगिकी तैयारी के स्तर को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न पूर्ववर्ती मिशनों की योजना बनाई गई है। इन प्रदर्शनकारी मिशनों में इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी), पैड एबॉर्ट टेस्ट (पीएटी) और टेस्ट व्हीकल (टीवी) उड़ानें शामिल हैं। मानवयुक्त मिशन से पहले मानव रहित मिशनों में सभी प्रणालियों की सुरक्षा और विश्वसनीयता सिद्ध की जाएगी।
सुनीत/पवन