इंडियन ऑयल ने उपकरणों की खरीद के लिए पीजीआई को दिये 41.67 लाख रुपये
लखनऊ (हि.स.)। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान को बीएसएल -3 लैब निर्माण और उपकरणों की खरीद के लिए 41.67 लाख रुपये दान दिया है।
एसजीपीजीआई लखनऊ और आईओसीएल यूपी राज्य कार्यालय के बीच सोमवार को इंडियन ऑयल भवन में सीएसआर पहल के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
पीजीआई की ओर से निदेशक प्रो. आर.के. धीमन और माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. ऋचा मिश्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अनुदान को ई एम डी आईओसीएल, यूपीएसओ- संजीव कक्कड़ द्वारा अनुमोदित किया गया और एच आर प्रमुख दीपाली पांडे और वरिष्ठ प्रबंधक बी.एल.पाल द्वारा कार्यान्वित किया गया।
मल्टी ड्रग प्रतिरोधी और व्यापक रूप से दवा प्रतिरोधी तपेदिक रोगियों के लिए परीक्षण को बढ़ाने और 2025 तक ‘टी बी मुक्त भारत’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए IOCL-UPSO-1 41.67 लाख रुपये दान करने पर सहमत हुआ है।
संजय गांधी पी जी आई के निदेशक प्रो आर.के. धीमन के मार्गदर्शन में तपेदिक रोगियों में दवा प्रतिरोध का पता लगाने के लिए एक कुशल, व्यवहार्य और उन्नत डिजिटल प्रणाली स्थापित करने के लिए माइक्रोबाॅयोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. ऋचा मिश्रा ने आईओसीएल को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। इस अनुदान के माध्यम से खरीदे गए उपकरण द्वारा जाँच रिपोर्ट अति शीघ्र उपलब्ध हो पायेंगी और क्षय रोगियों का उसी दिन उचित उपचार शुरू किया जा सकेगा।
यह संवेदनशीलता परीक्षण की उस पारंपरिक पद्धति की तुलना में है, जिसमें तीन महीने तक का समय लगता है।
इसके अलावा माइक्रोबाॅयोलॉजी विभाग में डॉ. ऋचा मिश्रा के नेतृत्व में कल्चर-ड्रग संवेदनशीलता (सी-डीएसटी) और मौलीक्यूलर परीक्षण के लिए एक समर्पित क्षय रोग जैव सुरक्षा स्तर 03 (बीएसएल -3) लैब का निर्माण किया जा रहा है और यह लैब छह महीने में कार्यात्मक हो जाएगी।
बृजनन्दन/दिलीप