इंट्रा नेजल वैक्सीन का ट्रायल कानपुर में आज से, आईसीएमआर ने दी अनुमति

कानपुर | पहली बार कोरोना की इंट्रा नेजल वैक्सीन (बीबीवी 154) के दूसरे फेज का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल मंगलवार से शुरू होगा। भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की मदद से विकसित किया है। सोमवार को आईसीएमआर ने ट्रायल सेंटर को अनुमति दे दी। भारत बायोटेक ने प्रखर हॉस्पिटल को ट्रायल सेंटर बनाया है।

नेजल वैक्सीन के ट्रायल के लिए वालंटियरों को बुला लिया गया है। एक पखवारे पहले ही रजिस्ट्रेशन और जरूरी टेस्ट भी कर लिए गए। ट्रायल 18-65 वर्ष के वालंटियरों में होगा। चीफ गाइड डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि नेजल वैक्सीन की दो-दो ड्राप (बूंद)  वालंटियर के दोनों नाक के छिद्र में डाली जाएंगी और उन्हें 5 मिनट के लिए लिटा दिया जाएगा। 5 मिनट के बाद फिर से नाक में दो-दो ड्रॉप वैक्सीन की डाली जाएगी। आधे घंटे बाद ही उन्हें उठने की इजाजत दी जाएगी। पहली डोज के बाद 28 वें दिन पर दूसरी डोज भी इसी प्रक्रिया के तहत दी जाएगी। 

पहली बार इस तरह होगा एंटीबॉडी टेस्ट

डॉ. कुशवाहा के मुताबिक ट्रायल में शामिल वालंटियरों का एंटीबॉडी टाइटर टेस्ट दो तरह से किया जाएगा। पहली बार 5 एमएल ब्लड सैंपल के अलावा स्लाइवा सैंपल भी लिया जाएगा। दोनों सैंपल पहले दिन, 28, 56, 90 और 180 वें दिन पर लिए जाएंगे। टीका लगने के बाद वालंटियरों में कितनी एंटीबॉडी बनी, उसकी अलग रिपोर्ट बनाई जाएगी। 

1075 और 55 बच्चों पर भी हो चुका ट्रायल 

प्रखर हॉस्पिटल में ही पिछले साल कोवैक्सीन का 18-65 साल के 1075 वालंटियरों और इसी साल जून में 0-6, 6-12 और 12-18 वर्ष के 55 बच्चों पर भी ट्रायल हो चुका है। सबसे छोटी बच्ची ढाई साल की रही जिस पर ट्रायल किया गया था। 

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