इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा गाजियाबाद, सीसीटीवी कैमरे होंगे इंटीग्रेट

लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब नोएडा के तर्ज पर गाजियाबाद में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू करने जा रही है। दरअसल, प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में इस प्रक्रिया को पूर्णतः लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी और अब इसी को क्रियान्वित करते हुए गाजियाबाद के ट्रैफिक निगरानी व संचालन प्रक्रिया को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम ने कार्यवाही शुरू करते हुए शहर के वर्तमान सीसीटीवी कैमरों के उच्चीकरण व नए सीसीटीवी कैमरों के इंस्टॉलेशन के जरिए इंटिग्रेटेड सीसीटीवी कैमरों का जाल विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इंस्टॉलेशन व अपग्रेडेशन की प्रक्रिया पूर्ण होने से शहर के वीडियो मैनेजमेंट सिस्टम (वीएमएस) तंत्र को मजबूती मिलेगी, इससे यातायात नियंत्रण के साथ ही अपराध समेत आपात स्थितियों के नियंत्रण में भी सर्विलांस के जरिए मदद मिलेगी। इन सभी कार्यों के संचालन व समन्वय के लिए मास्टर सिस्टम इंटिग्रेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

500 से ज्यादा इंटीग्रेटेड सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज बनेगी निगरानी का जरिया

प्रवक्ता ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम ने आरपीएफ माध्यम से मास्टर सिस्टम इंटिग्रेटर की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे हैं। ई-निविदा के जरिए कार्यावंटन प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा तथा जिस एजेंसी को मास्टर सिस्टम इंटिग्रेटर का दायित्व सौंपा जाएगा, उसे शहर में 500 से ज्यादा इंटीग्रेटेड सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज एसेसमेंट व स्टोरेज कैपेसिटी वाला वीएमएस विकसित करना होगा। कंट्रोल रूम संचालन, फीड स्टोरेज प्रक्रिया समेत सीसीटीवी के उच्चीकरण जैसी प्रक्रियाओं को मास्टर सिस्टम इंटिग्रेटर द्वारा पूर्ण किया जाएगा। इसके अलावा, रिमोट एसेसमेंट, कंट्रोल रूम एक्सेस, क्लाउड व स्टोरेज कैपेसिटी मैनेजमेंट समेत तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण करना होगा। इंटिग्रेटर का निर्धारण भी कई मानकों के आधार पर होगा तथा उन्हें इवैल्युएशन प्रक्रिया से गुजरते हुए वर्किंग प्रोटोटाइप समेत कई लक्ष्यों को पूर्ण करने के बाद ही कार्य आवंटित होगा।

कई विशेषताओं से लैस है आईटीएमएस

-इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत शहरों में सीसीटीवी समेत हाई डेफिनिशन कैमरा के जरिए रेड लाइट पर वाहनों के दबाव के हिसाब से रेड/ग्रीन लाइट की टाइमिंग ऑटोमैटिक तरीके से खुद ही सेट हो जाती है।

-रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरा के जरिए कमांड कंट्रोल रूम में बैठकर ट्रैफिक पुलिस उन वाहन चालकों पर भी निगाह रख सकती है, जो रेड लाइट जंप करते हैं। ये कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करने के साथ ही वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है।

-बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट वाले चालकों के खिलाफ भी चालान की कार्रवाई इसके माध्यम से आसानी से की जा सकती है।

-आईटीएमएस के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट में तो मदद मिलती ही है, साथ ही साथ कानून व्यवस्था को सुचारू रखने में भी सहायता मिलती है। इसकी मदद से बदमाशों की धरपकड़ में पुलिस को कामयाबी मिलती है।

-सड़क पर लगे सर्विलांस कैमरों की मदद से कमांड सेंटर के जरिए पुलिस बेहद नजदीक से संदिग्धों के चेहरे को देख सकती है तथा अपराधियों की लोकेशन को ट्रेस करते हुए पुलिस उन्हें आसानी से पहचानकर दबोच सकती है।

-इसके अतिरिक्त, किसी आपात स्थिति में संबंधित इलाके का सर्विलांस किया जा सकता है, जिससे प्राप्त लाइव फुटेज के जरिए स्थिति का आंकलन कर उसके नियंत्रण की प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है।

पीएन द्विवेदी/दिलीप

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