आरोप : पुलिस की बदसलूकी के चलते सदमे में हुई पति की मौत
एसपी ग्रामीण बोले, पहले से था दिल का मरीज
झांसी(हि.स.)। थाना व कस्बा समथर में एक गेस्ट हाउस का बंद ताला खुलवाने के लिए पुलिस एक बुजुर्ग व्यापारी को शनीवार की शाम उनके घर से उठाकर ले गई। गेस्ट हाउस पहुंचने पर उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। उल्टी होने के बाद वह बेसुध हो गए। यह देख पुलिस के हाथ-पैर फूल गए और परिजनों को बुला लिया। उनको मोंठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां से गंभीर हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
72 वर्षीय ओम प्रकाश अग्रवाल समथर कस्बे के चोपड़ा बाजार में रहते थे। वह कस्बे के प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनकी कई किराना की दुकानें और गल्ला मंडी के पास रामराजा के नाम से गेस्ट हाउस है। मृतक के बेटे संतोष अग्रवाल ने बताया कि एक समाज के लोगों ने शनिवार को सामूहिक विवाह समारोह के लिए गेस्ट हाउस बुक कराया था। 44 हजार रुपये में बुकिंग हुई थी। 18 हजार की पेमेंट एडवांस हो चुकी थी। शनिवार शाम 6 बजे कार्यक्रम खत्म हुआ, तो पिता ने बकाया पैसा मांगा। तब लोगों ने पैसा देने से मना कर दिया। इससे नाराज ओम प्रकाश ने गेस्ट हाउस के बाहर ताला लगा दिया और घर चले गए। उस समय गेस्ट हाउस के अंदर 20 से ज्यादा लोग मौजूद थे।
संतोष अग्रवाल ने बताया कि गेस्ट हाउस के अंदर बंद लोगों ने हंगामा करते हुए समथर पुलिस को सूचना दे दी। शनिवार शाम 7 बजे समथर थानाध्यक्ष अजमेर सिंह भदौरिया पुलिस फोर्स के साथ मेरे घर पहुंचे और मेरे बुजुर्ग पिता को घसीटते हुए ले गए। पुलिस उनको लेकर सीधे गेस्ट हाउस पहुंचे। गेट खोलते ही उनको उल्टी होने लगी और पूरा शरीर पसीने से लथपथ हो गया। यहीं नहीं कोई कुछ समझ पाता वह लड़खड़ाकर गिर पड़े। उनकी तबीयत बिगड़ते देख रात 8 बजे उनके बेटे संतोष को सूचना दी गई। ओम प्रकाश को मोंठ सीएचसी ले जाया गया। परिजन उन्हें मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उपचार न होने पर उनको लेकर निजी अस्पताल ले जाया गया वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
हंगामें के चलते पहुंची छह थानों की पुलिस बल
उनकी मौत से परिवार के लोग गुस्सा गए। परिजनों समेत उनके कई रिश्तेदार भी पहुंच गए। सभी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। सूचना मिलने पर एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी, सीओ सिटी राजेश राय, नवाबाद, बड़ागांव, चिरगांव समेत छह थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
रात डेढ़ बजे तक चला हंगामा
परिजन उनके शव का पोस्टमॉर्टम कराने को भी राजी नहीं हो रहे थे। पुलिस अफसर नाराज परिजनों को समझाने में जुटे रहे। तीन घंटे के हंगामे के बाद रात करीब डेढ़ बजे परिजन पोस्टमॉर्टम कराने के लिए राजी हुए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई शुरू कर दी।
पत्नी बोली- पुलिस वालों ने ले ली मेरे पति की जान
बुजुर्ग व्यापारी की पत्नी ऊषा देवी ने कहा कि पति गेस्ट हाउस से आकर घर में बैठे थे। तभी कई पुलिसकर्मी धड़धड़ाते हुए घर में घुस आए। कोई कुछ भी नहीं समझ सका। पुलिस वाले मेरे पति का हाथ पकड़कर घसीटते हुए ले जा रहे थे। हम लोगों ने पूछा, लेकिन पुलिस के लोग गाली दे रहे थे। उनको पीछे से कुछ पुलिसकर्मी धक्का भी दे रहे थे। पुलिस के व्यवहार से उनको सदमा लगा। इसी वजह से उनकी जान चली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने मेरे पति की जान ले ली।
एसपी ग्रामीण बोले- जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी का कहना है कि पुलिस को गेस्ट हाउस के अंदर कुछ लोगों के बंद होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस बिजनेसमैन को घर से ताला खुलवाने के लिए लाई थी। गर्मी अधिक होने की वजह से ओम प्रकाश की तबीयत खराब हो गई। तब उनको मोंठ अस्पताल ले गए। वहां से झांसी रेफर कर दिया। झांसी आते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि वह पहले से ही दिल के मरीज थे।
महेश