आयकर विभाग की कार्रवाई से जेएसवी ग्रुप मालिकों केे छूटे पसीने

लखनऊ(हि.स.)। प्लाईवुड के डोर बनाने से लेकर जमीनों की डील कराने तक उद्यमी जयशंकर वर्मा की कम्पनियों की पहचान है। बीते दो दिनों से उनकी कम्पनी जेएसवी ग्रुप के लखनऊ स्थित पांच और बाराबंकी स्थित दो कार्यालयों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। दो दिनों तक चली कार्रवाई के बाद जेएसवी ग्रुप के मालिकों के पसीने छूट गये।

जयशंकर वर्मा और उनके पुत्रों पंकज व जतिन का नाम उद्यमिता के क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों से खासा चर्चा में रहा है। कम्पनियों की सक्रियता में पुत्रों का योगदान और विश्वसनीय कर्मचारियों की भूमिका ने जेएसवी ग्रुप को बड़ी कम्पनी बना दिया। बीते कुछ समय पूर्व हुई नोटबंदी के दौरान कम्पनी ने लखनऊ से बाराबंकी तक विश्वासपात्रों के माध्यम से जाल बिछाकर कालेधन को सफेद कर डाला। किसानों को पुराने नोट देकर जमीनों की खरीद हुई।

बीते माह अप्रैल में आयकर विभाग की लखनऊ टीम गोरखपुर में छापेमारी करने पहुंची थी, तभी पुराने नोट के बदले जमीन की खरीद की जानकारी टीम को हुई थी। इसके बाद बीते गुरुवार को आयकर की टीम ने जेएसवी ग्रुप पर छापेमारी की और दो दिनों तक लखनऊ व बाराबंकी में जांच पड़ताल कर सबूत जुटाये।

बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने जेएसवी ग्रुप से टैक्स चोरी और जुर्माना की 70 करोड़ की राशि वसूलने की तैयारी कर ली है। इसमें जुर्माना और टैक्स चोरी की अलग-अलग राशि की वसूली होगी, जो कुल 70 करोड़ रुपये है। आयकर विभाग की कार्रवाई से कम्पनी के संचालकों, अधिकारियों की नींद उड़ गयी है। कम्पनी के ए श्रेणी के कर्मचारियों की छुट्टीयां भी निरस्त कर दी गयी हैं।

शरद/मोहित

error: Content is protected !!