आजमगढ़ के सीतापुर नेत्र मंदिर के जर्जर मकान को एडीए ने ध्वस्त किया
आजमगढ़ (हि.स. )। आजमगढ़ विकास प्राधिकरण नगर में अवैध रूप से बने आलीशान मकानों को छोड़कर अब जर्जर भवनों को गिराने में जुटा है। नगर के हर्रा की चुंगी पर स्थित नेत्र मंदिर में कुछ वर्ष पूर्व बने मकान को शुक्रवार को एडीए ने जेसीबी लगाकर ध्वस्त कर दिया। वही नेत्र मंदिर के केयर टेकर ने आरोप लगाया कि यहां अवैध रूप प्लाटिंग या पार्किंग के लिए कुछ ही वर्ष पूर्व बने अस्पताल के धर्मशाला को तोड़ा जा रहा है।
नगर के हर्रा की चुंगी पर स्थित सीतापुर नेत्र मंदिर के नाम से वर्ष 1957 में जनसेवा के लिए सोसाइटी के नाम से नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी रामेश्वार प्रसाद अग्रवाल ने वर्ष 1957 में करीब दो एकड़ जमिन को दान में दे दिया।
सीतापुर आंख अस्पताल से मशहूर यह चिकित्सालय कई दशकों तक अच्छा लेकिन बीच में डाक्टरों की कमी के कारण नहीं चल रहा था। इसी वर्ष 2016 में जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इस नेत्र मंदिर का कायाकल्प करवा दिया। जिससे एक बार फिर अस्पताल चलने लगा। अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए एक धर्मशाला भी थी जिसे कुछ वर्ष जर्जर हालत में होने पर उसे पुनः बनवाया गया था। शुक्रवार को आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की टीम पुलिस के साथ पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची और धर्मशाला को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
एडीए के सचिव बैजनाथ का कहना है कि पुरानी बिल्डिंग मिट्टी और्र इंट से बनी थी उसके ऊपर आरसीसी से मकान बनाया गया था जिसके कारण कालम और बीम का इस्ट्रक्चर फेल हो गया। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसको गिराने से पहले आशीष गोयल को नोटिस जारी किया गया था।
नेत्र मंदिर के केयर टेकर ने प्रशासन की इस कार्रवाई को मनमना बताया। उन्होंने इसके लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि प्रशासन भवन को गिराकर अवैध रूप से प्लाटिंग करने का विचार बना रहा है। एडीए की कार्रवाई से केयर टेकर इतने नाराज थे कि वे अपने बाबा को इस जनसेवा के लिए कोस रहे थे।