आगरा मस्जिद की सीढ़ियों में केशवदेव के विग्रह का मामला: याचिका का 6 माह में करें निस्तारण : हाईकोर्ट

देवकीनंदन महाराज के ‘श्रीकृष्णजन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट’ की याचिका पर दिया निर्देश

न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड), आगरा में आज सुनवाई की 13वीं तारीख

मथुरा (हि.स.)। मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशवदेव मंदिर विग्रहों के आगरा की बेगम जहाँआरा मस्जिद की सीढ़ियों में दबाये जाने के दावे को लेकर सोमवार आगरा न्यायालय में बहस हुई। इस संबंध में हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को 6 माह में सुनवाई पूर्ण कर निपटारा करने के निर्देश दिये हैं ।

देवकीनंदन महाराज के सरंक्षण में गठित ‘श्रीकृष्णजन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट’ द्वारा 11मई 23 को न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड), आगरा के समक्ष वाद संख्या 518/23 डाला गया था । जिसमें माननीय न्यायालय से आगरा स्थित मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) की सीढ़ियों में दबाई गयी भगवान केशवदेव के विग्रहों को वापस दिलवाने की प्रार्थना की गयी थी।

इस वाद में न्यायालय ने सचिव, इन्तजामिया कमेटी शाही मस्जिद आगरा फोर्ट, छोटी मस्जिद, दीवान ए खास जहांआरा बेगम मस्जिद, आगरा फोर्ट, अध्यक्ष यू.पी. सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ एवं सचिव, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को नोटिस जारी किया था ।

विपक्षीगणों द्वारा न्यायालय में मामले को लगातार टालने के आरोप लगाते हुए ‘श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट’ द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गयी । इस मामले में 21 नवम्बर 23 को उच्च न्यायालय ने लोअर कोर्ट को 6 माह में निपटारा करने का निर्देश जारी किया है ।

ट्रस्ट के अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने बताया कि न्यायालय से अब तक 12 तारीखें मिल चुकी हैं । विपक्षीगण लगातार मामले को आगे टाल रहे हैं । सोमवार को 13वीं तारीख पर उच्च न्यायालय के आदेश की काॅपी के साथ अपना पक्ष रखेंगे।

1670 में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा केशवदेव मंदिर के तोड़ने और मूर्तियों के आगरा की मस्जिद में दबाये जाने का पूरा विवरण औरंगजेब के ही तत्कालीन दरबारी मुस्ताक खान द्वारा फारसी में लिखी गयी पुस्तक मुआसिर-ए-आलमगीरी में मिलता है । इसके अलावा विदेशी लेखक FRSNCOIS GAUTIER द्वारा लिखित पुस्तक AURANGZEB’S ICONOLASM एवं कई भारतीय इतिहासकारों ने भी अपनी पुस्तकों में औरंगजेब आगरा की मस्जिद में केशवदेव मंदिर के विग्रहों के दबाने का उल्लेख किया गया है ।

अप्रैल 23 में आगरा कथा के दौरान इसकी जानकारी होने पर देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे उक्त मस्जिद की सीढ़ियों को खुदवाकर भगवान केशव देव की मूर्तिर्यों को हिन्दू समाज को सौंप दें जिससे मथुरा में उनकी सेवा पूजा की जा सके । काफी समय बीतने के बाद भी मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई पहल सामने नहीं आने पर ‘श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट’ गठित कर मामले को न्यायालय में ले जाया गया ।

सोमवार हिंदु धर्मगुरू देवकीनंदन महाराज ने कहा कि मुगल आक्रान्ताओं ने हिंदुओं को अपमानित करते हुए हमारे मंदिरों के देवी-देवताओं को नुकसान पहुँचाया, अब वे हमारे बीच नहीं हैं । भारतीय मुसलमानों को चाहिए कि वे बाहरी लोंगों द्वारा कृत्यों को पीछे छोड़ते हुए आपसी सहमति से विवादों को निपटाने के प्रयास करें,लेकिन अब तक ऐसी कोई पहल दिखायी नहीं दी है ।

महेश/सियाराम

error: Content is protected !!