आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बंटती हैं यह चीजें, आपको मिलती हैं या नहीं
संवाददाता
श्रावस्ती। बाल्यावस्था तथा यौवन के बीच की अवस्था होने के कारण किशोरावस्था नारी के मानसिक, भावनात्मक तथा मनोवैज्ञानिक विकास की दृष्टि से अत्यन्त परिवर्तनशील होती है। इसीलिए किशोरावस्था नारी के जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवस्था मानी गई है। ऐसी स्थिति में मानव संसाधन विकास के उद्देश्य से चलाई जा रही विकासपरक योजनाओं, कार्यक्रमों में किशोरियों को स्थान देना जरूरी है। किशोरियों में आत्मविश्वास, उत्साह एवं आत्मगौरव की भावना में वृद्धि करने के उद्देश्य से उनके पौषाणिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार योजनाएं चलाकर उनका विकास कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की गरीब परिवार की बालिकाएं, स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं के लिए ‘उप्र किशोरी बालिका योजना (एसएजी)’ लागू की गई। योजनान्तर्गत उन्हें जीवन कौशल, शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य शिक्षा, सामाजिक-कानूनी मुद्दों तथा मौजूदा सार्वजनिक सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजनान्तर्गत 06 माह से 06 वर्ष की आयु तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश के समस्त जिलों में कुल 897 परियोजनाओं के 167499 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 22290 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इन्ही आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किशोरियों के सर्वांगीण विकास हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। सरकार द्वारा उप्र की 05 लाख से अधिक किशोरी बालिकाओं के लक्ष्य के विपरीत अब तक 3.50 लाख किशोरियों को अनुपूरक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश किशोरी बालिका योजनान्तर्गत 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली बालिकाओं को पोषण आहार के रूप में मोटा अनाज बाजरा, कोदो, रागी, मक्का गेहूं आदि काला चना, अरहर दाल और देशी घी दिया जा रहा है। यह योजना प्रदेश के 53 जिलों में संचालित है। वहीं प्रदेश के 22 जिलों में मीठा व नमकीन दलिया के अलावा लड्डू प्रीमिक्स हर माह दिये जा रहे हैं। इसके अलावा आयरन, कैल्सियम व फोलिक एसिड, विटामिन सी आदि की गोलियां भी दी जा रही हैं। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के बचाव हेतु जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा ‘डोर-टू-डोर’ ड्राई राशन यथा गेहूं, चावल, दाल, चना, देशी घी एवं स्किल्ड मिल्क पाउडर आदि चिन्हित पात्र किशोरियों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केन्द्र पर बांटा गया खाद्यान्न
गोण्डा। आंगनबाड़ी केंद्र पूरे शिवा बख्तावर प्रथम व द्वितीय के 69 लाभार्थियों को नमन महिला स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष द्वारा खाद्यान्न वितरण किया गया। मुख्य अतिथि बाल विकास परियोजना अधिकारी झंझरी धर्मेंद्र कुमार गौतम रहे। इस मौके पर आंगनबाडी कार्यकत्री रमा शुक्ला, माधुरी देवी व सहायिका विवेक कुमारी व माया कनौजिया सहयोग करने हेतु उपस्थित रही। गर्भवती व धात्री माताओं को दो किलो गेहूं, एक किलो चावल प्रति लाभार्थी वितरित किया गया।
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