असगर गोंडवी फाउंडेशन के तत्वावधान में ईमाम हुसैन की याद में तरही मुसालमा
गोंडा शाम 7 बजे से मेवातियान स्थित शहबाज़ नवेद के आवास पर एक तरही मनकबती नशिस्त का आयोजन लखनऊ से पधारे मशहूर शायर डॉक्टर संजय मिश्रा शौक़ की सदारत में किया गया, जिसकी निजामत हैदर गोंडवी ने की। महमाने खुसूसी लखनऊ के मशहूर शायर व सहाफी रिज़वान फारूकी रहे। महमाने एजाज़ी के तौर पर डॉक्टर हबीबुल्लाह ने शिरकत की।
सरपरस्ती रोशन जमीर ने फरमाई।
डॉक्टर संजय मिश्रा शौक़ ने कहा :–
क़त्ल होना है तुम्हें करबोबला में जा कर
ये बशारत भी तो सरकार ने फरमाई है।
रिज़वान फारूकी ने कहा :–
है वो मेराज जो नाना के नवासे को मिली
इसलिए दिल भी शहादत का तमन्नाई है।
नजमी कमाल ने पढ़ा
बस यही सोच के आंखों में नमी आई है,
आज शब्बीर पे क्या आलमे तन्हाई है
अल्हाज गोंडवी ने कहा :–
हमको तारीख़ बताती है यही करबल की
लाज इस्लाम की सर देने से बच पाई है।
खालिद बेग ने कहा :–
ऐ हसन इब्ने अली तेरी शहादत को सलाम
आज भी दम से तेरे दहर में अच्छाई है।
इमरान मसूदी ने कहा :–
नौके नेज़ा पे बुलंद आपका सर था लेकिन
फिर भी होठों से तिलावत की सदा आई है।
अरबाज़ ईमानी ने कहा :–
करबला वालों ने हक़ के लिए जानें दी थीं
और हम लोग फक़त एक तमाशाई है
निज़ाम अंसारी ने कहा :–
शह के कदमों में जो तक़दीर तुझे लाई है
हुर यही बात तुझे खुल्द में ले आई है।
इनके अलावा मुजीब सिद्दीक़ी, नज़ीर गोंडवी मुजीब अहमद, हैदर गोंडवी, अज्म गोंडवी, आतिफ गोंडवी, सूफ़ी गोंडवी, सुफियान मुजीब, ईमान गोंडवी ने भी अपने अपने कलाम पेश किए। इस मौके पर ख़ास तौर से शेख़ शम्स, अनस मेवातियान, आफताब तन्हा, अमन वगैरा मौजूद रहे।
आतिफ़ गोंडवी
जनरल सिकरेट्री
असग़र गोंडवी फॉउंडेशन, गोंडा।