अयोध्या कारसेवा से जुड़े श्रीराम आर्य का निधन, रासुका में गए थे जेल

– रासुका के तहत भुगती थी डेढ़ माह जेल की सजा
सुलतानपुर ( हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं अयोध्या कारसेवा के दौरान रासुका के तहत डेढ़ माह जेल की सजा काट चुके श्रीराम आर्य का निधन हो गया। 78 वर्षीय श्रीराम आर्य समाजसेवा के कार्यों में जीवन पर्यन्त संलग्न रहे।
सांस लेने में तकलीफ और किडनी की बीमारी की वजह से वह पिछले 12 दिन से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन थे। बीती रात हृदय गति रुक जाने के कारण उनकी मौत हो गयी। रविवार को दोपहर बाद उनकी अंतिम यात्रा निजी निवास गोलघाट से हथियानाला श्मशान घाट तक जाएगी। श्रीराम आर्य अखिल भारतीय मोदनवाल ( हलवाई) महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाल स्वयं सेवक जनसंघ से भी जुड़े रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने सहयोगी विचार मंच की स्थापना की। विद्याभारती के शैक्षिक संगठन बाल कल्याण समिति के मंत्री भी रहे । इसके अलावा राष्ट्रीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव भी रहे। रामजन्म भूमि आन्दोलन में रासुका में निरुद्ध  भी रहे । प्रदेश स्तर के पहलवान कहे जाने वाले एवं अवंतिका ग्रुप के जनक भी हैं।
कार सेवा से जुड़े श्रीराम आर्य सन 1990 की कार सेवा में डेढ़ महीने जेल में रहे। उनके पुत्र आलोक आर्य के अनुसार 11 अक्टूबर, 1990 को वेदांती जी, विश्वनाथ दास शास्त्री और मुझे 2 दिन अमहट जेल में बंद रखने के बाद बाराबंकी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। इस आंदोलन में वह देश के पहले व्यक्ति रहे, जिन पर रासुका लगाया गया था। डेढ़ महीने जेल की सजा काटने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर वह जेल से बाहर आ सके।
आलोक ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के पक्ष में जिस दिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, टीवी के सामने बैठकर समाचार देख रहे पिता जी की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। मां ने कहा कि जिसके लिए जेल की सजा काटी थी, वह अभियान आज सफल हो गया। उन्होंने अपनी आंखों के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों मंदिर का शिलान्यास होते देख अपार खुशी महसूस की थी। 

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