अपर मुख्य सचिव पर 50 हजार हर्जाना, छह हफ्ते में जमा करने का निर्देश
– मृत टीचर की पत्नी को परेशान करने व कोर्ट का समय बर्बाद करने पर लगा हर्जाना
प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव (एसीएस) माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला पर याची को परेशान करने व कोर्ट का समय बर्बाद करने पर 50 हजार रूपये का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि एसीएस द्वारा 6 हफ्ते में हर्जाना हाईकोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा किया जाय।
हाईकोर्ट ने कोर्ट के महानिबंधक को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि हर्जाना जमा नहीं किया गया तो राजस्व वसूली की भांति इस राशि को जमा कराया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बुलंदशहर की सरस्वती गुप्ता की याचिका पर दिया है।
मामले के अनुसार याची के पति की ग्रेच्युटी का भुगतान यह कहते हुए नहीं किया गया कि पति ने 60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं भरा था। कोर्ट ने कहा कि इस सम्बन्ध में फैसला है, जिसमें साफ कहा गया है कि सेवानिवृत्त होने से पहले यदि टीचर की मृत्यु हो जाती है तो विकल्प न भरने के कारण ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जायेगा।
कोर्ट ने डीआईओएस को नये सिरे से आदेश देने का निर्देश दिया किन्तु भुगतान करने से शासनादेश का हवाला देते हुए मना कर दिया गया। इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा। परन्तु उनका भी कोई जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर तलब किया।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर बताया कि याची को ग्रेच्युटी जारी कर दी गई है। एसीएस के कोर्ट में न पेश होने पर कहा गया कि उनको वायरल फीवर है। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि वारंट जारी होने पर बिना आपत्ति के भुगतान कर दिया गया। याची को बेवजह परेशान किया गया। जिस पर कोर्ट ने हर्जाना लगाया है।