अधिकारियों-कर्मचारियों के दबाव में संविदा पर सरकारी नौकरी मामले में पीछे हटी सरकार: अखिलेश

लखनऊ। संविदा पर सरकारी नौकरी मामले में सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद विपक्ष हमलावर बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर अधिकारियों, कर्मचारियों की नाराजगी के दबाव में पीछे हटने का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट किया कि प्रदेश के युवाओं के आन्दोलन व सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की सुलगती नाराजगी के दबाव में भाजपा सरकार संविदा व 50 साल सेवानिवृति के मामले में हारकर पीछे हटी है। उन्होंने कहा कि सरकार पराजय छुपाने के लिए विपक्ष पर राजनीति करने का बहाना बना रही है। न चली तानाशाही, न चलेगी बहानाशाही।
दरअसल उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने स्पष्ट किया है कि योगी सरकार सरकारी नौकरी में किसी को भी संविदा पर नहीं रखेगी। इस पर विपक्षी पार्टियां सिर्फ भ्रम फैला रही हैं, जबकि सरकार की ऐसी कोई योजना बनी ही नहीं है और आगे भविष्य में बनेगी भी नहीं। उन्हाेंने कहा है कि हमारी सरकार छात्रों किसानों, मजदूरों गरीबों की सरकार है। केन्द्र और प्रदेश की सरकार इनके विकास के लिए कार्य कर रही है। 
इससे पहले इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा था। सपा ने कहा कि पांच साल तक संविदा। पचास साल में जबरन रिटायरमेंट। पांच साल का बहुमत लेकर आई भाजपा ने साढ़े तीन साल में ही यूपी से रोजगार का खात्म करने पर आमादा है! किस बात का बदला ले रहे हैं सीएम दें जवाब?
कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने कहा कि “संविदा = नौकरियों से सम्मान विदा पांच साल की संविदा= युवा अपमान कानून। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले भी इस तरह के कानून पर अपनी तीखी टिप्पणी की है। इस सिस्टम को लाने का उद्देश्य क्या है? सरकार युवाओं के दर्द पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की योजना ला रही है।

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