अंधेपन,रतौंधी व कुपोषण से बचाव के लिए बच्चों को पिलाएं विटामिन ए की खुराक : डॉ मंजुला सिंह
मंडलीय अपर निदेशक ने किया विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम का शुभारंभ
वाराणसी(हि.स.)। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल की अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय स्थित मातृ-शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) विंग से ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान अपर निदेशक व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ दिग्विजय सिंह ने नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई।
इस दौरान अपर निदेशक डॉ मंजुला सिंह ने कहा कि अपने नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को हर छह माह पर विटामिन ए की खुराक जरूर पिलाएँ। शिशु व बाल मृत्यु दर को कम करने में विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने माता-पिता से अपील की है कि अपने शिशु को नौ माह पर पहली खुराक और 16 माह पर दूसरी खुराक अनिवार्य रूप से पिलाएँ। इससे रंतौंधी, अंधेपन व अन्य स्थितियों जैसे दस्त, निमोनिया, कुपोषण से बचाव होगा। साथ ही रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। सीएमएस डॉ दिग्विजय सिंह ने कहा कि हर बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्रों पर नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। साथ ही बच्चों का टीकाकरण भी किया जाएगा।
नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि यह अभियान छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषणदिवस (वीएचएसएनडी) तथा शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्रों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। एएनएम बच्चों को विटामिन ए की खुराक के साथ अन्य आवश्यक टीके लगाएँगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समुदाय को जागरूक व प्रेरित करेंगी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जनपद में नौ माह से पाँच वर्ष तक के करीब 3.41 लाख बच्चों को विटामिन–ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
क्यों जरूरी है विटामिन ए
एएनएम सुनीता सिंह ने बताया कि यह सूक्ष्म पोषक तत्व शिशु के विकास में मदद करता है। इससे दांत, हड्डियां और नरम ऊतकों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। आंखों को ठीक तरह से कार्य करने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी हैं जो इम्यून सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
श्रीधर/पदुम नारायण