रक्षा अध्ययन विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

मजबूत विदेश नीति से मजबूत होता है राष्ट्र : प्रो. अशोक सिंह

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। जिले में स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में ‘वैश्विक परिदृश्य में शक्ति का अभ्युदित केंद्र : भारत की विदेश नीति’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व प्रतिकुलपति, सिहानिया विश्वविद्यालय राजस्थान के प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की रक्षा नीति उसकी विदेश नीति के दृष्टिकोण से संचालित होती है। मजबूत विदेश नीति से ही राष्ट्र की वैश्विक स्थिति सुदृढ़ होती है और विश्व मंच पर उसकी प्रभावशीलता बढ़ती है।

संगोष्ठी में रक्षा विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं पर विचार व्यक्त किए। रक्षा अध्ययन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. ओंकार पाठक ने कहा कि सरकार की सकारात्मक नीतियों का समर्थन आवश्यक है, क्योंकि ये नीतियां राष्ट्र को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होती हैं। वहीं, रक्षा विशेषज्ञ डॉ. राम सूरत पांडेय ने भारत की विदेश नीति के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से लेकर वर्तमान स्थिति तक का विश्लेषण किया और राष्ट्र की शक्ति प्रधानता पर जोर दिया।

विंग कमांडर मयस्कर देव सिंह ने राष्ट्र प्रथम की भावना को प्रमुख बताते हुए संघर्ष के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के पास अपार संसाधन उपलब्ध हैं और इसकी समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए संगठित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। बुद्ध विद्यापीठ पीजी कॉलेज, सिद्धार्थनगर के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की बदलती और सशक्त विदेश नीति के कारण आज विश्व के कई राष्ट्र महत्वपूर्ण निर्णयों में भारत की ओर देख रहे हैं

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवींद्र कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को रेखांकित किया। संगोष्ठी में गोरखपुर विश्वविद्यालय, साकेत पीजी कॉलेज, अयोध्या, हरियाणा और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में लगभग 190 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. आर.बी.एस. बघेल ने संगोष्ठी की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की। आयोजन समिति में डॉ. धर्मेंद्र कुमार शुक्ल, डॉ. अमित कुमार शुक्ल, डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव, श्री सुजीत सिंह, अनुपमा सिंह, श्री सतीश दूबे, प्रो. जितेंद्र सिंह, प्रो. आर.एस. सिंह, प्रो. बिनोद प्रताप सिंह, प्रो. जयशंकर तिवारी, प्रो. शिवशरण शुक्ल, प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र, डॉ. पुष्यमित्र मिश्र, डॉ. बैजनाथ पाल, डॉ. ओमप्रकाश यादव, डॉ. वंदना भारतीय, डॉ. मनोज कुमार मित्र, डॉ. मनीषा पाल, श्री शरद कुमार पाठक और श्री रोहित सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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