महंगे गिफ्ट और नंबर का लालच देकर फंसाता था प्रोफेसर
बीते डेढ़ साल से छात्राएं कर रही थीं शिकायत, किंतु नहीं हो रही थी कार्रवाई
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। हाथरस के जिस प्रोफेसर रजनीश को पुलिस ने 19 मार्च की रात में प्रयागराज से गिरफ्तार किया है उसके खिलाफ छात्राएं अक्तूबर 2023 से गुमनाम लिफाफे में रखकर वीडियो, फोटो और शिकायती पत्र पुलिस के साथ साथ जिले के सभी अधिकारियों को भेज रही थी। लेकिन अधिकारी शिकायतकर्ता को ढूंढ रहे थे। कई बार तो गुमनाम पत्रों को प्रोफेसर के खिलाफ साजिश मानकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया तो कभी महाविद्यालय के स्टाफ की आपसी खींचतान माना गया। इससे प्रोफेसर का हौसला बढ़ता गया और वह छात्राओं का शोषण करता रहा।
पुलिस को इन दो दिनों के भीतर जो गुमनाम पत्र मिले हैं उनमें कई छात्राओं ने इसका जिक्र किया है। एक छात्रा ने तो यहां तक कहा है कि वह लोग शिकायतें कर रहे थे और महाविद्यालय का प्रबंधन प्रोफेसर का रुतब्ध बढ़ाए जा रहा था। जुलाई 2024 में उसे चीफ प्रॉक्टर बना दिया गया। प्रॉक्टर बनते ही उसने छात्राओं को और ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। एक छात्रा ने तो यहां तक लिखा है कि उन्हें लगने लगा था कि इसे इसके पापों की सजा कभी नहीं मिलेगी, क्योंकि शिकायत पर महाविद्यालय में पुलिस भी आती थी लेकिन कुछ देर बैठकर चली जाती थी। किसी ने छात्राओं से बात करने की कोशिश तक नहीं की। जबकि छात्राओं ने उस क्लास का नाम भी लिखा था जिसकी छात्राओं का सबसे ज्यादा शोषण प्रोफेसर ने किया था। गुमनाम पत्रों पर ध्यान देकर अगर पुलिस-प्रशासन प्रोफेसर की निगरानी कराता। छात्राओं के बयान दर्ज कराए जाते तो उसे 2023 में ही गिरफ्तार किया जा सकता था। लेकिन पुलिस शिकायत करने वाले की तलाश करती रही। तर्क दिया जा रहा था कि मुकदमा दर्ज कराने के लिए उन्हें सामने आना चाहिए। मगर डरी-सहमी छात्राएं यह सोचकर गुमनाम पत्र और वीडियो भेजती रहीं कि कभी न कभी तो पाप का घड़ा भर ही जाएगा।
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बहुत मनबढ़ और प्रबंधन का प्यारा था प्रोफेसर
प्रोफेसर रजनीश के खिलाफ लगातार शिकायतों के बाद भी कॉलेज प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो छात्राओं ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी को पत्र भेजा था। तीन माह पहले क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी ने एक समिति बनाई और उसे जांच के लिए कॉलेज में भेजा। समिति ने जांच पूरी होने तक भूगोल विभाग में बने रजनीश के ऑफिस पर सील लगा दी थी, ताकि यह साक्ष्यों की प्रभावित न कर सके। इसे दो दिन बाद ही रजनीश ने तोड़ दिया और केबिन में बैठने लगा था। लेकिन न तो किसी अधिकारी ने उससे पूछा कि ऑफिस खुल कैसे गया न ही प्रबंधन ने कोई जानकारी की। प्रोफेसर से छात्राएं बेहद डरती थीं। उन्हें डर था कि अगर शिकायत की तो प्रोफेसर उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुंचा देगा। पुलिस के समक्ष एक छात्रा पहुंची भी थी। उसने कई सारे साक्ष्य उन्हें दिए। पुलिस अफसरों ने छात्रा को समझाने का प्रयास किया। कहा कि आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। मगर छात्रा तैयार नहीं हुई। बाद में तय हुआ कि मुकदमा पुलिस द्वारा दर्ज कराया जाएगा।
हंसी-मजाक से करता था शुरुआत
पीसी बागला महाविद्यालय की एक पूर्व छात्रा ने बताया कि प्रोफेसर रजनीश छात्राओं को मजाक-मजाक में गले लगाने और हंसी ठिठोली से शुरुआत करता था। जब छात्राएं विरोध नहीं करतीं तो उन्हें अपने जाल में फंसा लेता था। किसी ने शुरुआत में ही विरोध कर दिया तो फिर उसे कुछ नहीं कहता था। एक छात्रा ने बताया कि अब उसकी शादी हो चुकी है। उसके साथ भी ऐसा करने की कोशिश की गई, तो उसने डपट दिया था और उसके पास नहीं जाती थी। जो छात्राएं विरोध नहीं करतीं, उन्हें यह अपने जाल में फंसा लेता था। महंगे गिफ्ट देता था। नंबर बढ़वाने के चक्कर में जो छात्राएं विरोध नहीं करतीं, यह उसके जाल में फंस जाती थीं और वह उनके साथ वीडियो बना लेता था। उसने उस पर डोरे डाले थे, लेकिन वह सतर्क हो गई थी।
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नम्र निवेदन
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