भारत से हम लोग मोहब्बत करते है हमसे हिंदुस्तान की खुशबू आती है
गोंडा। बसंत पचंमी के अवसर पर रविवार रात शहर के दरबारे आलिया मीनाइया में हज़रत अमीर खुसरू की याद मे आल इंडिया नातिया मुशायरे का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन हज़रत शाह जमाल मीना साहब की सरपरस्ती,डा0 लायक अली की अध्यक्षता, जावेद रज़ा सिद्दीकी के संयोजन व हसन रज़ा अतहर के कुशल संचालन में हुआ।
तिलावते कलामे पाक के बाद मुशायरे के अध्यक्ष हाजी डा0 लायक अली साहब ने अपने खुतबऐ सदारत मे हज़रत अमीर खुसरो की शायरी, उर्दू अदब में गोंडा का मकाम और ख़ानकाहे आलिया मीनाईया के फैजान पर रोशनी डाली।
सांसों से लोबान की खुशबू आती है
बातों से रेहान की खुशबू आती है
भारत से हम लोग मोहब्बत करते है
हमसे हिंदुस्तान की खुशबू आती है
पढ़कर मुशायरे के संचालन की शूरूआत की
आजम मीनाई ने पढ़ा
हबीबे खुदा की है जिसपे अता
वही तो मेरा पीर है
अकील सिद्दीकी बरेलवी ने पढ़ा कि जहे किस्मत जो आ जाए कज़ा आका की चौखट पर तो मौत का आए मजा आका की चौखट पर
खता है इश्क तो सूली चढ़ा तो मुझको
मगर शर्त है देना सजा आका चौखट पर
तनवीर जमाल उस्मानी ने पढ़ा
इश्क ओ अखलाक तो आया मेरी तहरीर के साथ
नात मुझको भी अता की गई ताख़ीर के साथ
जबसे हस्सान की पाई है सुनहरी निस्बत
रिश्ता रखा ही नहीं मीर तकी मीर के साथ
अम्बर मुशाहिदी ने पढ़ा
मुझको सहे उम्मम का सनागर लिखा गया
यानी मेरे नसीब से बढ़ कर लिखा गया
दिलकश रांचवी ने पढ़ा
या खुदा सारे आलम में यूं ही सदा
फखरे अजहर की अज़मत सलामत रहे
मुस्तफा जाने रहमत के फैजान से
फैजे ताज ए शरीयत सलामत रहे
सय्यद शकील रहबर चैनपुरी ने पढ़ा
फूल की पत्तियां डालियां रात भर
नात पढ़ती रही वादियां रात भर
सो गया पढ़के मुस्तफा पर दुरूद
उनकी रहमत ने थपकियां रात भर
इनके अलावा जावेद सिद्दीकी,मौलाना मुकीम मुशाहिदी, कारी शकील मीनाई लखनवी आदि ने अपने अपने कलाम पेश किया।
इस मौके पर मुख्यतः डॉ लायक अली, मौलाना वहीद गोंडवी,वली मो0, कारी निसार अहमद मीनाई, बाबा फ़कीर मोहम्मद,मौलाना मुजक्किर, एहसान मीनाई, रफीक आलम मीनाई, हाफिज सगीर मीनाई, इशरत अजीज, तबरेज आलम, हाशिम अली मीनाई समेत हजारों अकीदतमंद उपस्थित रहे।
