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नागपुर के 10 थाना क्षेत्रों में क्यों लगा कर्फ्यू

हिंसक झडपों व आगजनी में बदला औरंगजेब की कब्र का विवाद

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से किया शांति बनाए रखने की अपील

राज्य डेस्क

नागपुर। शहर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक झड़पों और आगजनी में बदल गया। यह घटना शहर के महाल इलाके में हुई, जहां दो गुर्दा के बीच तनाव बढ़ने के बाद पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। भारी बवाल को देखते हुए नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नै लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क किनारे खड़ी गाड़ी में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया गया। डीसीपी निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और 55 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है। शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें बनाई गई हैं। उधर, CM देवेंद्र फडणवीस ने देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की। इसके बाद बावनकुले नागपुर के लिए रवाना हो गए। सीएम ने उन्हें घटना पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री हैं। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक हैं। वहीं, छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एसपी ने बताया कि जिले में एसआरपीएफ की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं।आइए, इस पूरे विवाद और इसके घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार नागपुर के महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों का कहना था कि खुल्दाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि औरंगजेब एक “अत्याचारी शासक“ था, और उसकी कब्र का महिमामंडन स्वीकार्य नहीं है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति को शांत कर लिया था, लेकिन शाम होते-होते मामला फिर भड़क उठा। शाम करीब 7ः00 से 7ः30 बजे के बीच शिवाजी चौक के पास एक समूह ने नारेबाजी शुरू की. जिसमें हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के प्रति नाराजगी जाहिर की गई। इसके जवाब में दूसरा समूह भी नारेबाजी में शामिल हो गया, जिससे तनाव बढ़ गया। इसी बीच, एक अफवाह फैल गई कि विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र वल्मा (इस्लामी प्रार्थना) लिखा कपड़ा और एक पवित्र पुस्तक जला दी। इस अफवाह ने आग में घी का काम किया और हालात बेकाबू हो गए। अफवाह फैलते ही चिटनिस पार्क से भालदारपुरा इलाके तक हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने पुलिस पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, और आसपास की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। एक जेसीबी मशीन सहित कई गाड़ियां जल गईं। स्थानीय लोगों ने बताया कि घरों की छतों से भी पत्थर फेंके गए, जिससे पुलिस हैरान थी कि इतने बड़े पत्थर कहां से आए। इस हिंसा में 11 लोग घायल हुए, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। नागपुर के ज्वाइंट कमिश्नर निसार तंबोली ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हिंसा की जड़ में एक गलतफहमी और अफवाहें थीं। प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद कुछ लोगों ने दावा किया कि उस पुतले पर रखी हरी चादर पर मजहबी शब्द लिखे थे, जिसे जलाया गया। यह अफवाह तेजी से फैली और हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया कि यह उनके धार्मिक भावनाओं पर हमला था और बजरंग दल के खिलाफ थ्प्त् की मांग की। हालांकि, बजरंग दल ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था, न कि कोई पवित्र वस्तु। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र-गोवा क्षेत्र के प्रमुख गोविंद शेंडे ने कहा, “हमने बाबरी ढांचे को गिराने की कसम खाई थी, वह पूरी की। अब औरंगजेब की कब्र हटाने की शपथ ली है और इसे भी पूरा करेंगे।“ यह बयान विवाद को और हवा दे सकता है।

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आज सुबह 6ः30 बजे तक, नागपुर में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने एक आदेश जारी कर कहा कि नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा। महाल, चिटनिस पार्क और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात है। राज्य रिजर्व पुलिस बल, दंगा नियंत्रण पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया दल को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। पुलिस ने लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है और हिंसा के पीछे की साजिश की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान जारी कर कहा, “नागपुर शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है। मैं नागरिकों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।“ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी औरंगजेब का महिमामंडन करने वालों को “देशद्रोही“ करार देते हुए कड़ी निन्दा की है।

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