इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में जुटे देश दुनिया के विद्वान
तीन दिवसीय इंटरनेशनल सम्मेलन का हुआ शुभारम्भ
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में बायोइंजीनियरिंग विभाग, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी तथा इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पहला इंडस्ट्री-अकादमिक मीट और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “ट्रेंड्स एंड इनोवेशंस इन साइंस एंड इंजीनियरिंगः ब्रिजिंग द इंडस्ट्री-अकादमिक इंटरफेस” का भव्य आयोजन किया गया। यह सम्मेलन एएफएसटीआई लखनऊ चैप्टर और इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंसेज, नई दिल्ली के सहयोग से 20 से 22 फरवरी तक चलेगा।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी सहित ताशकंद इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (उज्बेकिस्तान), इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी (उज्बेकिस्तान), किंग मोंगकुट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (थाईलैंड), अल-फराबी कज़ाख नेशनल यूनिवर्सिटी (कज़ाकिस्तान) और हमाद मेडिकल कॉरपोरेशन (क़तर) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी रही। इसका उद्देश्य विज्ञान और इंजीनियरिंग को समाज से जोड़ते हुए नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समाज में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े नैतिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से तकनीकी दक्षता के साथ नैतिक मूल्यों को अपनाने की अपील की। प्रो. चांसलर डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने अनुसंधान में अनुदान और सहायता की आवश्यकता पर बल दिया, जबकि कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने नवाचारों के महत्व को रेखांकित किया।

सम्मेलन में “विकसित भारत 2047 के लिए कुशल कार्यबल का निर्माण” विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित हुई, जिसमें ऊर्जा, चिकित्सा और पर्यावरण क्षेत्रों में नवीन खोजों और वैश्विक सहयोग के माध्यम से इंडस्ट्री की चुनौतियों के समाधान पर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें पद्मश्री प्रो. जी.डी. यादव (पूर्व कुलपति, प्ब्ज् मुंबई), प्रो. आनंद कुमार सिंह (कुलपति, चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर), प्रो. सुनील के. खरे (कुलपति, छैब्ठप्भ्स् सेंट्रल डीम्ड यूनिवर्सिटी, अंडमान और निकोबार), डॉ. अमजद हुसैन (कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून) और प्रो. फुरकान क़मर (मुख्य सलाहकार, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी) प्रमुख रूप से शामिल रहे।

आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रो. अलवीना फारूकी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने विश्वविद्यालय के विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान में योगदान को रेखांकित किया। डॉ. निदा फातिमा (निदेशक, इंटीग्रल स्टार्टअप्स फाउंडेशन) ने छात्रों में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के दौरान TISE CON EXPO 2025 का भी उद्घाटन किया गया, जिसकी थीम “अंतर-अनुशासनिक और अंतरराष्ट्रीय नवाचारः कुशल कार्यबल और स्थायी भविष्य के लिए वैश्विक दृष्टिकोण“ रखी गई है। इस एक्सपो में ऊर्जा, चिकित्सा और पर्यावरणीय स्थिरता से जुड़े नवीनतम अनुसंधानों और उद्योग जगत की चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। यह सम्मेलन विज्ञान, इंजीनियरिंग और समाज के बीच तालमेल स्थापित करने तथा नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।