अच्छा श्रोता होना भी एक कला; कार्यस्थल पर सुनना सीखें
नालेज डेस्क
अक्सर आप खुद को एक बेहतर वक्ता के रूप में देखना ज्यादा पसंद करते हैं, ताकि चीजों को अच्छी तरह से प्रस्तुत कर सकें। ऐसे में आप एक अच्छा श्रोता होने के महत्व को नजर अंदाज कर देते हैं। सुनने को कार्यस्थल पर बोलने या किसी चीज को प्रस्तुत करने से भी अधिक महत्वपूर्ण हुनर माना जाता है। ऐसे लोग जो दूसरों की बातों को अच्छी तरह से सुनते हैं, वे एक सकारात्मक कार्य वातावरण बनाते हैं। साथ ही वे अपनी नौकरी से अधिक संतुष्ट भी रहते हैं। एक अच्छा श्रोता होना ऐसा कौशल है, जिसे बेहद सरलता से सीखा और सुधारा जा सकता है। इस कौशल में महारत हासिल करके आप अपने कॅरिअर में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। सुनने की क्षमता को बेहतर बनाने की पहली तकनीक यह है कि आप लोगों को जवाब देने से पहले उन्हें अपनी बात पूरी करने दें। कई लोग अक्सर बीच में टोकते हैं, किसी और के बोलते समय अपने जवाब के बारे में सोचते हैं या फिर अपनी ही कहानी बुनने में लगे रहते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो, इस आदत में सुधार करें। इसका एक बेहतर तरीका यह है कि बातों को तब तक सुनें जब तक कि दूसरा व्यक्ति बोलना बंद न कर दे। जवाब देने के लिए जल्दबाजी करने के बजाय, कही गई बातों को समझने के लिए कुछ समय लें।
बात का निचोड़ निकालें
हालांकि, केवल अंत तक सुनना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको समस्या को तुरंत हल करने के बजाय बातों का निचोड़ निकालने पर भी ध्यान देना चाहिए। इसकी एक उपयोगी तकनीक यह है कि जवाब देने से पहले दूसरे व्यक्ति ने जो कहा, उसका सारांश दें। व्यक्ति के बोल लेने के बाद कुछ देर विचार करें। फिर, आपने जो सुना, उसका सारांश कुछ इस तरह से दे सकते हैं, ‘मैंने सुना कि आप फला चीज कह रहे थे…’ और उनसे पूछें, ‘क्या मैंने सही कहा?’ अगर आपने गलत समझा है, तो बस स्पष्टीकरण के लिए पूछें। एक अच्छा श्रोता बनने के लिए, यह समझना जरूरी है कि हर बातचीत के दो पहलू होते हैं संबंध और विषय-वस्तु यानी कंटेंट। जहां अंत तक मौजूद रहना और सुनना एक मजबूत संबंध बनाने में मदद करता है, वहीं व्यक्ति ने जो कहा उसका सारांश देना यह सुनिश्चित करता है कि आपने विषय-वस्तु को ठीक ढंग से समझा है। अच्छा श्रोता इन दोनों पहलुओं को संतुलित करता है। सुनने की सबसे जरूरी और अंतिम तकनीक है किसी व्यक्ति द्वारा कही जा रही बातों के पीछे छिपे मूल्यों को समझना। अगर आप इसकी पहचान कर पाएंगे, तभी आपका जवाब संतोषजनक और उसमें वजन भी होगा। इस तकनीक का उपयोग करने के लिए, किसी समस्या के पीछे की भावनाओं पर ध्यान दें।
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