बैल बन्धु
ज्ञान सिंह आप सभी ने प्रेमचंद की कहानी ‘दो बैलों की जोड़ी‘ जरूर पढ़ी होगी, आज मैं आपको दो दोस्तों की कहानी सुनाता हूँ। बात उन दिनों की है जब … Read More
✍ मनीषा कुमारी जहां पर छोड़ कर गई थी,वहीं पर लौट आई हूं मैं……सोची थी कुछ दिन दूर रहकर देखूं जरा दुनियां को,सब कहते थे जो मैं कर रही हूं … Read More
डा. प्रकाश चंद्र गिरि यद्यपि विगत आधी शताब्दी के अधिकांश बड़े हिंदी विद्वानों ने प्रगतिशीलता के दबाव में भारतीय संतों पर बहुत कम लिखा है तथापि कुछ लोगों के संस्मरणों … Read More
सर्वेश कुमार तिवारी ‘श्रीमुख’ महाभारत एक पूर्ण न्याय शास्त्र है और चीर हरण उसका केन्द्र बिन्दु है। इस प्रसंग के बाद की पूरी कथा इस घिनौने अपराध के अपराधियों को … Read More
संवाददाता गोण्डा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जनपद स्तरीय प्रथम बैठक परिषद के संरक्षक साहित्य भूषण से सम्मानित डा. सूर्यपाल सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें परिषद के प्रान्तीय … Read More
हेमंत शर्मा होली, बनारस, शिव, मस्ती, भंग, तरंग और ठण्डाई ये असम्पृक्त हैं। इन्हें अलगाया नहीं जा सकता। ये उतना ही सच है जितना ‘ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या।’ बनारस की … Read More
डा. जगन्नाथ दुबे उत्तर भारत की एक मात्र शास्त्रीय नृत्य शैली कथक और उसके पर्याय बन चुके पं. बिरजू महाराज (बृजमोहन मिश्र) अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके न होने … Read More
भूपेंद्र आर्य। गायत्री मंत्र हमारे साथ साथ:🕉️ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ! उस आदमी का नाम देवता है, जो अपनी सुविधाएँ और अपनी सम्पदाओं … Read More
ज्ञान सिंह धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। कहते हैं कि ठंड में चीजें सिकुड़ जाती हैं और गर्मी में फैलती हैं। मुझे लगता है कि यही फ़ार्मूला आदमी के दिमाग़ … Read More
डॉ कीर्ति काले कवि सम्मेलन से पहले कितनी ही ड़ींगे हांक लो, कितने ही आदर्श बघार लो, लेकिन माइक के सामने खड़े होने पर तुरन्त कट टू कट फैसला हो … Read More
ज्ञान सिंह आज हमें अपने गांव के भूधर मिसिर बहुत याद आ रहे हैं। नाम तो उनका ऐसा था जैसे वह धरती को स्वयं धारण किये हों, पर हक़ीक़त में … Read More
प्रादेशिक डेस्क बिजनौर। ‘सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए’। महान गजल सम्राट दुष्यंत कुमार ने सामाजिक ढांचे की खामियों का कुछ … Read More
डा. माधव राज द्विवेदी आज श्रावणी पूर्णिमा का पावन पर्व है। यह पर्व रक्षा-बंधन और संस्कृत दिवस के रूप में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संस्कृत … Read More
(गोस्वामी तुलसीदास के जन्म दिन पर विशेष) जानकी शरण द्विवेदी हर साल सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर तुलसीदास का जन्मोत्सव मनाया जाता है। तुलसीदास जी का … Read More
संजय स्वतंत्र पूर्णबंदी खत्म होते ही दिल्ली चल पड़ी है। आज इसकी रफ्तार से कदमताल करने की कोशिश की। मगर वह मुझसे आगे निकल गई। कभी मेट्रो से तो कभी … Read More
हेमंत शर्मा अज़ीज़ भाई मेरे बेहद अज़ीज़ थे। वे बनारसी साड़ियॉं बुनते थे। जरी और सिल्क की अलग-अलग डिजाइन वाली जैसी खूबसूरत साड़ियाँ वे बुनते थे, वैसा ही वैविध्यपूर्ण उनका … Read More
ज्ञान सिंह सुबह-सुबह आँख खुली तो हाथ हमेशा की तरह मोबाइल की ओर चला गया और आँखें खोजने लगी कि क्या कुछ नया है। फ़ेसबुक खोला तो पाया कि भगवान … Read More
ज्ञान सिंह कोरोना की इस लहर ने बड़ों बड़ों को डरा रखा है और वह घर के अंदर क़ैद होकर रह गये हैं। बुजुर्ग लोगों पर तो घर के लोग … Read More
संजय स्वतंत्र कोरोना काल एक समय बाद हम सबको प्रलय की तरह याद आएगा। यकीन मानिए इस काल को गुजर जाना है। मगर यह दौर हमें कुछ सिखा कर जाने … Read More
वीर विक्रम बहादुर मिश्र हे अंजनी नंदन पवनकुमार! आकंठ त्रासदी में डूबी दुनिया तुम्हारा जन्मोत्सव मना रही है। त्रेता में दुर्दांत रावण की लंका जलाकर तुमने मानवता के प्रति जो … Read More
हेमंत शर्मा कहां हो राम! वर्षों से हमने तुम्हारे नाम की मालाएं जपी। दिए जलाए। हज़ारों साल से तुम्हें भगवान माना। हर साल धूमधाम से “भय प्रकट कृपाला“ गाकर रामनवमी … Read More
अरविंद चतुर्वेद गांव हो या शहर, जमीन की मारामारी कहां नहीं है! लोग मसान और कब्रिस्तान तक की जमीन हड़पे ले रहे। गड़ही और पोखरे धीरे-धीरे पाट डाले जाते हैं। … Read More
शंभूनाथ शुक्ल आपने किसी को नमस्ते, नमस्कार, प्रणाम, सलाम या आदाब बोला, तो सामने वाले का रिस्पांस ही आपकी हैसियत को बताता है। इसे प्रत्याभिवादन कहते हैं। यह बहुत महत्त्वपूर्ण … Read More
राम प्रकाश त्रिपाठी बंसी कौल! नाटक की दुनिया की जानी-पहचानी शख्सियत। यह शख्सियत वह है जो दुनिया-जहान के सामने है। बहुत ही कम बल्कि बेहद अंतरंग लोग ही जानते हैं … Read More
हेमंत शर्मा मित्रवर उमेश प्रसाद सिंह का नया उपन्यास आया है ‘हस्तिनापुर एक्सटेंशन’। ‘इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन’ दिल्ली में है और ‘हस्तिनापुर एक्सटेंशन’ उन्होंने उत्तर प्रदेश के चंदौली में गढ़ दिया। उपन्यास … Read More
देव प्रकाश चौधरी बौद्धिक आलस्य के धनी इकबाल रिजवी (अगर वे मेरे पड़ोसी न रहे होते तो शायद न जान पाता) मुशायरों के ‘कल-आज-कल’ पर अपनी उस किताब को लेकर … Read More
अरविंद चतुर्वेद गांव में देवता तो गिनती के थे जो आज भी हैं, लेकिन हमारे बचपन में भूतों की भरमार थी। ऐसे में सहज ही जान सकते हैं कि देवताओं … Read More