बुद्ध पूर्णिमा पर धम्ममय हुई महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर

– विदेशी राजनयिक सहित लोगों ने लिया मानवता की सेवा का संकल्प

कुशीनगर (हि.स.)। बौद्ध महातीर्थ व अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर बुद्ध पूर्णिमा पर गुरुवार को पूरे दिन धम्ममय रहा। बुद्धम शरणम् गच्छामि…संघम शरणम् गच्छामि के मंत्रों की गूंज के बीच शोभा यात्रा, पूजन अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए। बौद्ध भिक्षुओं और अनुयायियों ने बुद्ध के दिखाए मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा का संकल्प लिया।

कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर के निर्देशन में 2568 वीं त्रिविध पावनी बुद्ध जयंती/बुद्ध पूर्णिमा समारोह पूर्व संध्या से ही शुरू हो गया था। प्रातःकाल से ही बुद्ध मंदिरों से बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मम शरणं गच्छामि, संघम शरणं गच्छामि का स्वर गूंजने लगा। प्रातःकाल निकले भव्य शोभायात्रा में गाजे-बाजे के साथ शामिल झांकियां आकर्षण का केंद्र बने रहे। शोभायात्रा में भारत सहित विश्व के कई देशों के भिक्षुगण, उपासक व उपासिकाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। शोभा यात्रा म्यांमार बुद्ध मंदिर से निकल कर महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर की परिक्रमा कर पश्चिमी गेट पर पहुंची।

मुख्य अतिथि म्यांमार के राजदूत ऊ मोचो आंग ने धम्म ध्वज दिखाकर शोभायात्रा को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। नगर भ्रमण के बाद यात्रा प्रारंभ स्थल पर पहुंचकर समाप्त हुई। बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के सिद्धांतों के अनुपालन से विश्व में करुणा, मैत्री व शांति की स्थापना हो सकती है। बुद्ध के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं व उनकी प्रासंगिकता निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने भिक्षु चन्द्रमणि शिक्षित बेरोजगार मार्केट का उद्घाटन भी किया और परिसर में पौधारोपण भी किया।

पर्यटक सूचना अधिकारी डाॅ. प्राण रंजन ने कहा कि इस कार्यक्रम से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोग कुशीनगर को लेकर जागरूक होंगे और भगवान बुद्ध के सिद्धातों का अनुशीलन करेंगे। शोभायात्रा के पूर्व भिक्षुओं ने महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में पूजा की। म्यांमार बुद्ध परिसर स्थित बोधि वृक्ष पर एबी ज्ञानेश्वर, राजदूत ऊ मोचो आंग व भिक्षुओं ने जल चढ़ाया। इस दौरान भंते नन्दका, भंते महेंद्र, लामा कोंचोक टेंगक्योंग, भंते अशोक, भंते सागरा, वीरेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रियंका यादव, टीके राय, अंबिकेश त्रिपाठी, राम अधार यादव, मायाराम वर्मा, रामाश्रय यादव, नेबूलाल, डीपी बौद्ध, सुबोध आदि ने सहभागिता की।

गोपाल/सियाराम

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