सही पहचान के रूप में स्वीकार करने से पहले आधार को सत्यापित करें

लखनऊ (हि.स.)। किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए प्रस्तुत किए गए आधार को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करने से पहले सत्यापित करना चाहिए।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का मानना है कि आधार धारक की सहमति के बाद आधार संख्या का सत्यापन आधार के किसी भी रूप (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार) की वास्तविकता स्थापित करने के लिए सही कदम है क्योंकि यह आपको किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाता है।

यह खासकर उन लोगों/संस्थाओ के लिए मददगार साबित हो सकता है जो लोग कामवाली/नौकरानी/गार्ड या अन्य किसी व्यक्ति की सेवा लेते है। ऐसे लोग या संस्था इस सेवा का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति के आधार की वैधता को सत्यापित करके उसका सही पता लगा सकते हैं।

यह प्रक्रिया असामाजिक तत्वों को आधार के किसी भी संभावित दुरुपयोग में शामिल होने से रोकता है। आधार दस्तावेजों से छेड़छाड़ का पता ऑफ़लाइन सत्यापन द्वारा लगाया जा सकता है। आधार के साथ किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है और आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत इसमें दंड का प्रावधान है।

प्रस्तुत किए गए किसी भी आधार की वैधता को दो प्रकार से सत्यापित किया जा सकता है। पहला, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट https://myaadhaar.uidai.gov.in/check-aadhaar-validity पर जाए और प्रस्तुत किए गए आधार की संख्या को दर्ज करें। आधार संख्या दर्ज करने के बाद यह पता चलता है की आधार संख्या वैध है या नहीं ।

इसके अलावा प्राधिकरण निवासियों-संस्थाओ को आधार पर उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन करने की सलाह देता है। इसके अंतर्गत प्रस्तुत किए गए आधार को एम-आधार ऐप या आधार क्यू आर कोड स्कैनर का उपयोग करके आधार के सभी रूपों (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार) पर उपलब्ध क्यू आर कोड को स्कैन करके सत्यापित किया जा सकता है। क्यूआर कोड स्कैनर एंड्रॉइड और आईओएस आधारित मोबाइल फोन के साथ-साथ विंडो-आधारित एप्लिकेशन दोनों के लिए निःशुल्क उपलब्ध है। निवासी स्वेच्छा से अपना आधार कागज या इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत करके अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या का उपयोग कर सकते हैं।

बृजनन्दन/पदुम नारायण

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