उत्तर भारत में तापमान 48 डिग्री को कर सकता है पार

कानपुर (हि.स.)। भीषण गर्मी हाहाकार मचा रही है। क्या आपको अंदाजा है कि यदि तापमान 49 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान को छू ले तो हमारा आपका क्या होगा। ऐसी हालत में बाहर निकलना भर मौत को दावत देने जैसा होगा। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर भारत में तापमान 48 डिग्री से ऊपर जा सकता है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने बुधवार को बताया कि व्याख्याकारों कहना है कि अगर तापमान 49-50 डिग्री तक गया तो क्यों बड़े खतरे में होंगे हम सभी। माना जा रहा है उत्तर भारत में तापमान 48 डिग्री से ऊपर जाएगा। ऐसी संभावना है कि तापमान अगर 49-50 डिग्री को छुएगा तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।

ऐसे तापमान में जाने क्या होता है खतरा

इस तापमान पर बहुत ज्यादा पसीना आना शुरू होगा, जो खतरनाक होगा। एनसीआर और कानपुर मंडल सहित उत्तर भारत में तापमान जबरदस्त तरीके से बढ़ा हुआ है। ये स्थिति स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत जानलेवा है। वैसे तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाते ही खतरा बन जाता है।

कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में हमने 49-50 डिग्री के तापमान पर लोग गर्मी से मरते देखे गए हैं। विज्ञान कहती है कि अगर तापमान 49-50 को छूने लगे तो शरीर इतना ज्यादा पसीना निकलने लगता है कि खुद शरीर ही इसको नहीं झेल पाता।

आखिर प्रचंड गर्मी की वो कौन सी हद है, जिसे हम बर्दाश्त कर सकते हैं? कई बार गर्मी इतनी बढ़ जाती है कि शरीर इसे बर्दाश्त नहीं कर पाता। बढ़ती गरमी के साथ शरीर की हालत बदलने और बिगड़ने लगती है। इसी संबंध में जानते हैं कि भीषण गर्मी में हमारा शरीर किस तरह प्रतिक्रिया करने लगता है।

अगर तापमान 49 से 50 डिग्री तापमान छूने लगे और इसमें बाहर निकलें तो क्या होगा?

डॉक्टर पांडेय ने बताया कि अगर आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज़्यादा तापमान में ज्यादा देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं और मौत भी हो सकती है। इस तरह की स्थितियों में बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं या बीमार लोग जल्दी शिकार हो सकते हैं। इस समय शरीर गर्मी से उबरने के लिए तेजी से पसीना निकलना शुरू करता है और फिर शरीर में डिहाइड्रेशन की जानलेवा स्थिति बन जाती है।

उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में रोहेम्पटन विश्वविद्यालय के नए शोध के अनुसार, जब बाहरी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 फारेनहाइट) से अधिक हो जाता है, तो मानव शरीर अत्यधिक गर्मी से छुटकारा पाने की क्षमता खो सकता है और बेहतर ढंग से काम करना बंद कर सकता है।

राम बहादुर/मोहित

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