UP News : बलिया का ऐतिहासिक ददरी मेला स्थगित

– कोरोना के कारण ददरी मेला को इस वर्ष स्थगित करने का हुआ निर्णय

पंकज राय

बलिया (हि.स.)। पौराणिक काल में संत समागम से शुरू होकर लोकमेला के रूप में बलिया मेंं हजारों सालों से लगने वाले ददरी मेले के आयोजन पर आखिरकार कोरोना का ग्रहण लग गया। शायद यह पहली बार होगा कि ऐतिहासिक ददरी मेला स्थगित किया गया है।
यह निर्णय गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। इससे बलिया के लोगों को मायूसी हुई। कोविड-19 को देखते हुए मेले के आयोजन को लेकर सब के सुझाव लिए गए। अंततः कोविड-19 से लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस वर्ष मेला स्थगित करने का निर्णय हुआ। डीएम एसपी शाही ने कहा कि ददरी मेले को लेकर जो भी संशय है, कोरोना महामारी से जनता को बचाने को लेकर है।
ऐसे आयोजन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वृहद मेला में कोविड प्रोटोकाल का शत अनुपालन करा पाना मुश्किल होगा। मेले में दो सौ से अधिक भीड़ हर हाल में हो जाएगी। इसलिए मेला कराना और उसके बाद जिले को लॉकडाउन की स्थिति में ले जाना कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान का कार्यक्रम होगा, पर उस दिन किसी भी प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा। 
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा व सरयू के संगम पर स्नान के साथ मेला लगता है। इस दौरान अखिल भारतीय स्तर का कवि सम्मेलन, मुशायरा, कुश्ती दंगल व चेतक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। जिसमें बलिया के अलावा पूर्वांचल और बिहार के जनपदों से लाखों लोग आते हैं।
ठंड में कोरोना के फैलाव का दिया गया हवाला 
डीएम ने कहा, जैसा कि संज्ञान में आ रहा है कि कुछ देशों में फिर इस महामारी ने वापसी की है और लॉकडाउन होने लगा है। ठंढ के साथ और तेजी से फैलाव की संभावना जाहिर की जा रही है। प्रदेश मुख्यालय के स्वास्थ्य विभाग से भी अब एल-2 अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। बलिया की स्थिति देखें तो जुलाई-अगस्त में यह बीमारी जिले को सबसे ज्यादा प्रभावित की थी। वर्तमान में सुधार हुआ है, पर पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। नगरपालिका परिषद बलिया का कोई ऐसा वार्ड नहीं है जहां एक भी केस नहीं है। दो सौ से अधिक कंटेन्मेंट जोन हैं। आज भी मुहल्ला भृगु आश्रम में 31 मरीज, पुलिस लाइन में 13, आनंदनगर में 10 मरीज हैं। जिलाधिकारी ने कहा, लोगों की सुरक्षा के लिए बहुत सारी परम्परागत गतिविधियों पर विराम लगा।
प्रदेश में कई मशहूर मेले हुए स्थगित
विभिन्न जगहों पर आयोजित होने वाले महावीरी जुलूस, मथुरा का गोवर्धन मेला, गढ़ मेला जैसी पारंपरिक गतिविधियां स्थगित हुईं। इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए मेला नहीं कराया जाना ही उचित होगा। बैठक में सीआरओ विवेक श्रीवास्तव, एडीएम रामआसरे, एसडीएम सदर राजेश यादव, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव, सीओ सिटी अरुण सिंह, नपा चेयरमैन अजय कुमार, ईओ दिनेश विश्वकर्मा आदि अधिकारी थे। 
राजकीय मेला घोषित कराने की होगी कोशिश
ददरी मेले को राजकीय मेला घोषित करने की मांग को लेकर कहा कि इसका पूरा प्रयास किया जाए। मेला का आयोजन नहीं होता है तो इस समय का उपयोग इसी कार्य में किया जाए। शासन से बात हुई है। इससे सम्बन्धित प्रारूप मंगवाया है, जिस पर जरूरी विवरण भरकर भेजा जाएगा। इसके बाद जनप्रतिनिधि और अधिकारी का स्तर पर पहल करके ददरी मेला को राजकीय मेला घोषित करने का पूरा प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि मेला भूमि का फाइनल चयन कर लिया जाए तो इस दिशा में एक बड़ी बाधा दूर हो जाएगी।
‘बलिया गान’ लिखने के लिए मिलेगा एक लाख का इनाम
जिलाधिकारी ने कहा बलिया पर आधारित कोई गीत ‘बलिया गान’ होनी चाहिए। ददरी मेला के खाली समय में ही इसे बनवा लिया जाए तो बेहतर कदम होगा। सुझाव देते हुए कहा कि इसके लिए पहले कई गीत लिखवाया जाए। फिर सोशल स्टेज पर बेहतर गीत चुनने के लिए वोटिंग कराई जाए। सबसे बेहतर तीन गीत चुना जाए और उससे गवाकर सुना जाए। फिर उसमें से सबसे बेहतर गीत का चयन हो। इसके लिए लिखने वाले को एक लाख का इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही ददरी मेला स्मारिका भी तैयार कराने की बात कही।

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