UP News : दीपावली पर अधिक आतिशबाजी से बचे, नहीं तो बढ़ जायेगा कोरोना का ग्राफ

सभी विटामिन शरीर में तो फटक नहीं पायेगा कोरोना, प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने पर दें जोर

वाराणसी (हि.स.)। महीनों के अथक प्रयास के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमी है। संक्रमण की चपेट में भी कम लोग आ रहे हैं। पीड़ित भी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को और भी सचेत रहने की जरूरत है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए लोगों को दीपावली पर्व पर अत्यधिक आतिशबाजी से बचना होगा। अधिक आतिशबाजी से कोरोना का ग्राफ फिर बढ़ने लगेगा। 
 कबीर चौरा स्थित मंडलीय चिकित्सालय के डायलिसिस यूनिट के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ दिवाकर सिंह ने बताया कि कोरोना के दौर में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित आहार, योग और व्यायाम से बढ़ाएँ। मास्क, दो गज की दूरी और बार-बार हाथ धोने की आदत को अपनाएं। उन्होंने कहा कि शरीर में विटामिन सी,डी,ई और ए का पर्याप्त स्तर बनाये रखें।      इसके लिए ज़िंक और मैग्नीशियम युक्त आहार का प्रयोग कर संतुलित एवं स्वस्थ खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में खाने में ट्रेस एलीमेंट (ज़िंक, मैग्नीशियम, प्रोटीन, आयरन इत्यादि) सूक्ष्म पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखें। इनमें से ज़िंक की अहम भूमिका है बीजों, नट्स आदि में ज़िंक की बहुतायत होती है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होता है। इसमें मिलने वाला मैग्नीशियम, सेरोटोनिन को बढ़ाता है। 
उन्होंने बताया कि आहार में फाइबर, आयरन, फाइटो केमिकल्स और फोलिक एसिड की भी भरपूर मात्रा होनी चाहिये। इसमें कम कैलोरी, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में टी-सेल्स सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है, जिन्हें टी-लिंफोसाइट्स कहा जाता है। टी-सेल्स रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में जरूरी भूमिका निभाते हैं। अगर यह सभी विटामिन शरीर में पूरी मात्रा में हैं तो आप कोरोना वायरस के साथ ही साथ अन्य बीमारियों से बचे रहेंगे। 
उन्होंने बताया कि जब से जनपद में कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई है। पंजीकृत अवकाश को छोड़कर, किसी भी दिन डायलिसिस यूनिट की ओपीडी बंद नहीं हुई। प्रतिदिन दो से तीन मरीजों की डायलिसिस होती है। उन्होंने बताया कि शरीर में सूक्ष्म तत्वों और विटामिन्स का उचित स्तर बना हुआ है तो उनको स्वास्थ्य लाभ बहुत जल्दी होता है। खासतौर से वरिष्ठजनों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और अगर को-मोर्बिडिटी (जैसे शुगर,ब्लड प्रेसर,कोरोनरी बाईपास,सीआरएफ-क्रोनिक रीनल फेल्योर,सीएलडी-गंभीर लीवर की बीमारी तथा सीकेडी- क्रोनिक किडनी डिजीजेज़) है तो उनकी जान भी जा सकती है। 
उन्होंने बताया कि जो मरीज सिंप्टोमैटिक हैं उनसे दूरी बनाकर रखें। भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। गुनगुने पानी और नींबू का प्रयोग करें। गुनगुने पानी से ही स्नान करें। ताजे बने भोजन का उपयोग करें। हरी ताजी सब्जियों,अनाजों और फलों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें। इससे बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को संतुलित रखने और कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद मिलती है गम्भीर रोगों जैसे डायबिटीज़, हृदय रोगों व कई तरह के कैंसर होने का खतरा कम रहता है। प्रतिदिन योग तथा व्यायाम करें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और स्वस्थ रहेंगे। शुगर, ब्लडप्रेशर  के मरीज रखें अपने इलाज का विशेष ध्यान तथा दवा बंद न करें। 

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