Gonda को मिला ‘वाटरलेस यूरेनल’ वाला रेल इंजन

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। पूर्वोत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों को कार्य के दौरान बेहतर सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इस दिशा में गोंडा जंक्शन को ‘वाटरलेस यूरेनल’ वाला एक रेल इंजन मिला है। इससे लम्बी दूरी की मालगाड़ी के संचलन के दौरान लोको पायलट, विशेषकर महिला लोको पायलटों को प्रसाधन की समस्या नहीं होगी। गोंडा से पटियाला के मध्य इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। यह जानकारी देते हुए लखनऊ मण्डल के जनसम्पर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि मण्डल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में गोण्डा स्थित लोको शेड में एक नये रेल इंजन (संख्या 43282) को नई सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया गया है। यह इंजन पूर्ण रूप से वातानुकूलित है ताकि गर्मी और बरसात के मौसम में लोको पायलट बिना किसी असुविधा के रेल संचालन कर सकें। इस इंजन में 12 कैमरे लगाए गए हैं, जो लोको पायलट को ट्रेन संचलन के दौरान निरंतरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इंजन के हर उपकरण की निगरानी करने में भी मदद करेगा। उन्होंने बताया कि इस विद्युत इंजन में कई आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं। इसमें लोको पायलट द्वारा इंजन के अंदर लगे बटन को दबाकर बिना खिड़की खोले सिग्नल का आदान-प्रदान किया जा सकता है। साथ ही आरामदायक कुर्सी, सुसज्जित सामान रखने की व्यवस्था तथा आपातकालीन टूल बॉक्स की सुविधा दी गयी है। वरिष्ठ मण्डल विद्युत अभियंता आशीष कुमार मद्धेशिया ने बताया कि इस रेल इंजन के अंदर अत्याधुनिक उपकरण जैसे सीलोमेर, सबडुए आदि का प्रयोग किया गया है, जिससे लोको केबिन में बाहरी तथा इंजन की ध्वनि में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट होगी। इसके साथ ही इंजन में ध्वनि अवरोधक छत, सिग्नल एक्सचेंज सिस्टम, एलईडी हेडलाइट, मल्टी फीचर ड्राइवर सीट, इंस्पेक्शन सीट, सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम, सामान रखने की सुस्सजित व्यवस्था तथा फॉग सेफ्टी डिवाइस की व्यवस्था की गयी है। लोको पायलटों ने इस पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

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