बेटे को टिकट मिलने पर क्या बोले बृजभूषण?
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि पार्टी द्वारा उनके स्थान पर बेटे को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर वह शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का फैसला उन्हें स्वीकार है तथा वह पार्टी से ऊपर नहीं हैं। गुरुवार की शाम मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि कैसरगंज संसदीय क्षेत्र सहित गोंडा जिले, प्रदेश और देश में इस बात की खुशी है कि करण भूषण सिंह को कैसरगंज से प्रत्याशी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वह (करण भूषण) शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे रघुकुल विद्यापीठ में एक जनसभा का आयोजन करके नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। कल बेटे के नामांकन सभा में उपस्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘होइहैं सोइ जो राम रचि राखा।’ बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ’मैं पार्टी से ऊपर नहीं हूं। 1989 से मैं भाजपा से जुड़ा हूं। एक बार बीच में मैंने स्वयं पार्टी छोड़ी थी और समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था। पार्टी हमसे बड़ी है, पार्टी जो भी फैसला करती है, वह सोच समझकर करती है। क्या भाजपा चाहती थी कि बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से चुनाव न लड़ें? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ’यह तब तक था, जब तक पार्टी का निर्णय नहीं आया था। अब निर्णय आ गया है और सारी बातें समाप्त हो गईं हैं। पार्टी ने जो कदम उठाया, हम उसका स्वागत हैं। उस पर अभी बोलना उचित नहीं है।’ आपके बेटे को टिकट मिलने के बाद आपकी भूमिका क्या होगी? इस सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ’एक पिता के नाते मेरी सक्रियता का हक तो बनता है। अब खेल मतदाताओं और जनता के हाथ में है। मेरी भूमिका क्या रहेगी और क्या नहीं रहेगी, इस पर कुछ सोचने का मौका दीजिए।’ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा से क्षत्रिय मतदाताओं की नाराजगी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इस पर कुछ नहीं बोलेंगे।’
सूत्र बताते हैं कि गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे गृह मंत्री अमित शाह ने बृजभूषण शरण सिंह से बात बेटे करण भूषण सिंह का टिकट फाइनल किए जाने की जानकारी दी थी और कल के लिए नामांकन की तैयारी शुरू करने को कहा था। इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह नंदिनी नगर महाविद्यालय पहुंच गए और कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन सभा की तैयारी में जुट गए। शाम करीब पांच बजे पार्टी की तरफ से लिस्ट जारी करके उनके स्थान पर बेटे को प्रत्याशी घोषित किया गया, वह बैठक से उठकर तुरंत गोशाला की तरफ चले गए और वहां गायों को गुड़ खिलाकर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि गोंडा में रहने पर हम रोज यहां आकर गायों को गुड़ खिलाते हैं और इनका आशीर्वाद लेते हैं। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने छह बार के सांसद रहे बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी की तरफ से उनके नाम की औपचारिक घोषणा होने से पूर्व ही गुरुवार की सुबह उनके प्रतिनिधि ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चार सेट नामांकन पत्र प्राप्त किया। करण भूषण सिंह शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन नाम निर्देशन पत्र दाखिल करेंगे।
जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से अब तक किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल की तरफ से उम्मीदवारों की घोषणा न किए जाने के कारण पूरे प्रदेश की नजर इस सीट पर लगी हुई थी। गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज लोकसभा सीट से अलग-अलग छह बार के सांसद रहे पूर्वांचल के बाहुबली क्षत्रिय नेता बृजभूषण शरण सिंह पर देश के नामी पहलवानों बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट आदि द्वारा लगाए गए संगीन आरोपों तथा विरोध-प्रदर्शन के बाद खेल मंत्रालय द्वारा बृजभूषण शरण सिंह की अध्यक्षता वाले रेसलिंग फेडरेशन को निलंबित करने के बाद से ही उनके टिकट कटने की ज्यादा संभावना थी, किंतु उप्र में छह से सात फीसद क्षत्रिय मतदाताओं को देखते हुए पार्टी लंबे समय से नफा-नुकसान के गणित में उलझी थी। सूत्र बताते हैं कि राज्य सत्ता के शीर्ष पर बैठे पार्टी के एक प्रभावशाली नेता से उनका ‘अनबन’ भी टिकट मिलने में बाधक था। अंततः पार्टी ने उनका टिकट काटकर बीच का रास्ता निकालते हुए उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। पार्टी ने बृजभूषण सिंह का टिकट काटने से पूर्व लम्बे समय तक नफा-नुकसान का आंकलन किया और अंत में पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय मतदाताओं के संभावित नाराजगी को ध्यान में रखते हुए उनके 34 वर्षीय बेटे को प्रत्याशी बनाया। इससे पूर्व बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा सदर से विधायक बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा : ‘करण भूषण सिंह, आपके आशीर्वाद का आंकाक्षी-कैसरगंज।’ आज सुबह करण भूषण सिंह का एक वीडियो भी सार्वजनिक हुआ है, जिसमें वह अपने सांसद पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, वह कैसरगंज सीट पर नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उनके प्रतिनिधि जगन्नाथ तिवारी ने गुरुवार को कैसरगंज लोकसभा सीट से चार सेट नामांकन पत्र प्राप्त किया है। करण भूषण सिंह का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ था। उन्होंने डा. राम मनोहर लोहिया अवधविद्यालय से बीबीए तथा एलएलबी की पढ़ाई की है। वह राष्ट्रीय ट्रैप शूटर हैं। उनकी शादी श्रीमती नेहा सिंह से हुई है, जो एक स्कूल की संचालिका हैं। उनके एक पुत्र और पुत्री है। महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश में हुए बीते 12 फरवरी को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में उन्हें सर्व सम्मति से उप्र. कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था। वह उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक शाखा नवाबगंज जिला गोंडा के अध्यक्ष भी हैं।
आठ फरवरी 1958 को जिले के बिश्नोहरपुर गांव में जन्मे बृजभूषण शरण सिंह गोंडा लोकसभा सीट से दो बार, बलरामपुर से एक बार तथा कैसरगंज लोकसभा सीट से लगातार तीन बार से सांसद हैं। 1991 के राम लहर में पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1996 के लोकसभा चुनाव में उनके टाडा कानून के तहत जेल में निरुद्ध रहने के दौरान पार्टी ने उनकी पत्नी केतकी सिंह को मैदान में उतारा और वह निर्वाचित हुईं। 2004 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बलरामपुर (अब श्रावस्ती) सीट से भाजपा के टिकट पर जीता। 2008 में यूपीए सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर क्रॉस वोटिंग के आरोप में भाजपा द्वारा पार्टी से निलंबित कर दिए जाने के बाद वह समाजवादी पार्टी में चले गए और कैसरगंज लोकसभा सीट से निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने पुनः घर वापसी कर ली और कैसरगंज सीट से ही भाजपा के टिकट पर चुने गए। 2019 में वह एक बार फिर भाजपा के टिकट पर निर्वाचित होकर सांसद बने। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं। सांकेत महाविद्यालय अयोध्या से परास्नातक और विधि स्नातक बृजभूषण सिंह देवीपाटन मण्डल में चार दर्जन से अधिक इंटर व डिग्री कालेजों के संस्थापक प्रबंधक हैं।
बताते चलें के आसन्न लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने उप्र में अधिकांश मौजूदा सांसदों को टिकट दिया है, लेकिन गाजियाबाद से पार्टी के वर्तनान सांसद जनरल वीके सिंह का न केवल टिकट काटा, अपितु पश्चिमी उप्र की 27 लोकसभा सीटों पर एक भी क्षत्रिय नेता को टिकट न देने से क्षत्रिय विरादरी को अपनी नाराजगी सार्वजनिक करने के लिए महापंचायत कर भाजपा के खिलाफ झंडा बुलंद करना पड़ा। इसके बाद रूठे क्षत्रिय मतदाताओं को मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मैदान में उतारना पड़ा। दोनों नेताओं ने पश्चिमी उप्र में की गई चुनावी सभाओं के माध्यम से क्षत्रिय नेताओं का गुणगान व महापुरुषों की वीरता का बखान कर सजातीय मतदाताओं की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया।
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