नैक ग्रेडिंग से होने वाले लाभ की विद्यार्थियों को दें जानकारी : आनंदीबेन पटेल

-राज्यपाल ने चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के नैक ग्रेडिंग के लिए तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की

लखनऊ (हि.स.)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के साथ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व वर्ष 2017 में नैक से ‘‘बी‘‘ ग्रेड प्राप्त कर चुका है।

राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारियों हेतु गठित कमेटी के सदस्यों से सभी सातों क्राइटेरिया पर बिन्दुवार जानकारी ली। प्रस्तुतिकरण को बेहतर किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को नैक ग्रेडिंग से प्राप्त होने वाले लाभों से अवगत कराकर उनमें इसके प्रति उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करें। प्रस्तुतिकरण में विविध बिंदुओं पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का संक्षिप्त अंकन लक्षित कर राज्यपाल ने राइट-अप्स की गुणवत्ता में सुधार करने तथा इसके लिए निर्धारित अधिकतम शब्द-सीमा तक विस्तार से विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रमाण स्वरूप संलग्न हाइपर लिंक्स में बेहतर विवरण संलग्न करने को कहा।

उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा नैक कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किए जाने हेतु सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने सामान्य चर्चा में ई-पुस्तकालय की विशेषताओं तथा विश्वविद्यालय परिसर में वर्षाजल संचयन से बढ़े भूजल स्तर को उपलब्धि के तौर पर एसएसआर में दर्शाने को कहा। उन्होंने संलग्न फोटो और वीडियो में विविधिता बढ़ाने के निर्देश के साथ प्रतिभागियों से युक्त गतिविधि वाले फोटो और वीडियो संलग्न करने पर विशेष जोर दिया।

एक ही लैपटॉप से एक व्यक्ति द्वारा किए गए प्रस्तुतिकरण पर राज्यपाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कमेटी के सभी सदस्य और विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष अपना ऑन लाइन प्रस्तुतिकरण करने में स्वयं सक्षम बनें। उन्होंने कहा कि कमेटी सदस्य अपना प्रस्तुतिकरण स्वयं की जिम्मेदारी के साथ बनाएं। उपलब्ध कराया गया डाटा स्वयं से चेक भी करें।

राज्यपाल ने विविध बिन्दुओं पर विभिन्न सुझावों के साथ प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रक्तदान शिविरों, टीवी मरीजों को गोद लेने और उनमें से टीवी मुक्त हुए मरीजों का विवरण, आंगनबाड़ियों को सहयोग, छात्रावासों की आधुनिक सुविधाएं, नैक मंथन, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उच्च स्तर प्राप्त विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं का अवलोकन-भ्रमण, नैक ग्रेड हेतु तैयारियों के लिए स्थापित ‘‘उपक्रम‘‘ में प्रतिभागिता जैसे विविध बिन्दुओं को जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य आपसी सहयोग और विद्यार्थियों की सहभागिता से प्रतिबद्धता के साथ नैक में उच्चतम श्रेणी प्राप्त करने के लिए कार्य करें।

बैठक में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ0 संगीता शुक्ला के नतृत्व में प्रस्तुतिकरण दिया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राज्यपाल, कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुधीर महादेव बोबड़े तथा विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी हेतु गठित टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उपेन्द्र

error: Content is protected !!