किसी अधिकारी की तैनाती न होने से छात्रावास लावारिस पड़ा है।

                                                                 करोड़ों रुपए की लागत से मोहम्मद युसुफ उस्मानी इण्टर कालेज उतरौला के बगल राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास का निर्माण कराया था।                          

रोहित कुमार गुप्ता उतरौला बलरामपुर। राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास उतरौला के संचालन के 19 वर्ष बीतने के बाद भी इसमें तैनात होने वाले अधीक्षक, लिपिक समेत सभी कर्मचारियों के पद शासन ने सृजित नहीं किए हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में पदों के सृजन 19 वर्ष तक न होने से शासन ने किसी अधिकारी की तैनाती भी नहीं की है। किसी अधिकारी की तैनाती न होने से छात्रावास लावारिस पड़ा है।
शासन ने दलित छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए 2005 में करोड़ों रुपए की लागत से मोहम्मद युसुफ उस्मानी इण्टर कालेज उतरौला के बगल राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास का निर्माण कराया था। इसमें 17 कमरों का निर्माण कराया गया और एक कमरे में दो छात्रों के रहने की सुविधा दी ग‌ई। छात्रों के खान-पान के लिए मेस का निर्माण कराया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास बनने के बाद इसके लिए छात्रावास अधीक्षक, लिपिक,स्वीपर/चपरासी, रसोइयां ,चौकीदार की नियुक्ति की जानी थी लेकिन 19 वर्ष बीतने के बाद भी शासन ने इस छात्रावास के लिए किसी पद का सृजन नहीं किया। पदों के सृजन न होने से छात्रावास बदहाली के कगार पर पहुंच गया है। इस छात्रावास के संचालन के लिए कई वर्ष से सरकार ने कोई बजट नहीं दिया है। छात्रावास के कमरों की रंगाई पुताई, वायरिंग,साफ सफाई नहीं हुई है। रसोइयां की तैनाती न होने से छात्रों को अपना खाना खुद बनाना पड़ता है। छात्रावास की बदहाली पर तमाम छात्र बीच में छात्रावास छोड़कर किराए के कमरे में रहने को मजबूर हो जाते हैं। समाज कल्याण बलरामपुर ने बताया कि इस छात्रावास में पदों के सृजन के लिए शासन को कई पत्र लिखा गया है लेकिन पद का सृजन अभी तक नहीं हुआ है।

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