शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों और प्राचार्यों से मांगे सुझाव

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के क्रियान्वयन के लिए स्कूल के शिक्षकों और प्राचार्यों से सुझाव मांगे हैं। सुझाव विशेष लिंक के माध्यम से 31 अगस्त तक भेजे जा सकते हैं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे राज्य के सरकारी स्कूलों, निजी स्कूलों या विभिन्न माध्यमिक स्कूल बोर्डों से संबद्ध शिक्षकों से सुझाव भेजने को कहें।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को ट्वीट किया, हम मानते हैं कि शिक्षक एनईपी 2020 के क्रियान्वयन की कुंजी हैं और इसलिए हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए देश भर के सभी स्कूल शिक्षकों और प्राचार्यों से सुझाव मांगने का फैसला किया है। 
स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल शिक्षा सचिवों को भेजे पत्र में कहा, शिक्षकों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, प्रश्न उत्तर प्रक्रिया के माध्यम से स्कूल शिक्षा के संबंध में एनईपी के प्रत्येक विषय पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। प्रश्न इस तरह से तैयार किए जा रहे हैं कि शिक्षक अपने अनुभव से उन्हें कक्षा के आधार पर संबंधित कर सकते हैं।
करवाल ने कहा कि प्रत्येक सवाल में एनईपी के पैराग्राफ का संदर्भ दिया गया है ताकि अपने सुझाव अपलोड करने से पहले शिक्षक पॉलिसी को बेहतर ढंग से समझ सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के विशेषज्ञों की एक टीम सभी सुझावों की जांच करेगी। सुझाव सीमित शब्दों में देने होंगे। लेकिन राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप में उपयोगी सुझाव को शामिल करने के लिए जरूरी लगने पर अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया जा सकता है। 
करवाल ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्राथमिकता के आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, विभिन्न स्तरों पर बनाए गए शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उन्हें सूचना भेज सकते हैं, या इस प्रक्रिया के व्यापक प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए एससीईआरटीएस और डाइट्स के मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। सुझावों को 24 से 31 अगस्त तक एक विशेष लिंक के माध्यम से अपलोड किया जा सकता है। 

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