‘मनोरंजन थेरेपी’ से कोरोना मरीजों का इलाज करेगा प्रशासन

प्रादेशिक डेस्क

गाजियाबाद। कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए गाजियाबाद जिला प्रशान अब मनोरंजन थेरेपी की मदद लेगा। कोविड एल-1 अस्पतालों में भर्ती मरीजों को उनके मनपसंद धारावाहिक और फिल्म दिखाई जाएंगी। इस थेरेपी का मुख्य उद्देश्य मरीजों को ज्यादा से ज्यादा समय तक खुश रखना है ताकि उनमें बीमारी से लड़ने के लिए सकारात्मक ऊर्जा पैदा हो और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ सके।
कोविड अस्पताल में भर्ती होने के नाम पर ही लोग डर जाते हैं। ऐसे में अस्पताल में जाते समय उन्हें लगता है कि पता नहीं वह ठीक हो भी पाएंगे या नहीं। उनके मन में बैठी यह दहशत ही उन्हें कमजोर बना रही है। अस्पताल में पहुंचकर वह दिनभर केवल बीमारी के बारे में ही सोचते रहते हैं। इस कारण वह दिनों दिन कमजोर और बीमार हो जाते हैं। मरीजों का बीमारी से ध्यान हटाने और उन्हें खुश रखने के लिए प्रशासन की ओर से कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में इन मरीजों को अब मनोरंजन थेरेपी देने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत हर कोविड अस्पताल के रूम और वार्ड में टीवी लगाया जाएगा। यहां भर्ती मरीजों से मौजूद कर्मचारी पूछेंगे कि उन्हें क्या पसंद है। मरीजों की पसंद के अनुसार ही फिल्में गाने और सीरियल चलाए जाएंगे। इसके लिए अस्पताल में मौजूद कर्मचारी इस बात का ध्यान रखेंगे कि भर्ती ज्यादा से ज्यादा लोग अपना समय अपने पसंदीदा मनोरंजन के साथ बिताएं। फिल्म या गाने देखते समय वह खुश होंगे और इससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
अधिकारियों का कहना है कि कुछ सामाजिक संस्थाएं इसके लिए आगे आई हैं। ये संस्थाएं इन अस्पतालों में टीवी की व्यवस्था कराने के लिए कह रही हैं। अभी कहां-कहां किस तरीके से टीवी लगाए जाएंगे इसकी सूची तैयार की जा रही है। प्रशासन कोविड एल-1 अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दे रहा है, जिसमें उन्हें समझाया जा रहा है कि मरीजों को किस तरीके से खुश रखा जाएगा। कर्मचारी हर मरीज से उसकी पसंद और नापसंद पूछेंगे। ऐसे में एक तरह की पसंद वाले मरीजों को एक साथ वाले कमरे में भर्ती किया जा सकेगा। इस योजना को कोरोना से ठीक हुए मरीजों से लिए गए फीडबैक के आधार पर तैयार किया गया है। अधिकतर मरीज अपने मोबाइल फोन आदि में व्यस्त रहते हैं। सामूहिक रूप से एक साथ मनोरंजन का काफी फायदा मिलेगा। इससे मरीज व्यस्त भी रहेंगे।
मनोचिकित्सक डॉ. संजीव त्यागी का कहना है कि यह एक अच्छा कदम है। यहां लोगों को कोविड से संबंधित खबरों से दूर रखने की जरूरत है। टीवी के साथ उन्हें पढ़ने के लिए कुछ मैग्जीन भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं। इससे हीनभावना के हार्मोंस पैदा नहीं होंगे। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय का कहना है कि मरीजों का मनोबल बढ़ाने का कई प्रकार से प्रयास किए जा रहे हैं। मैं खुद मरीजों से बात करता हूं और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उनको पत्र भी देता हूं। कोशिश है कि इस बीमारी से ग्रस्त हर मरीज को खुश रखा जाए।

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