UP News : ‘सेफ’ किट के इस्तेताल में संतकबीरनगर पुलिस अव्वल
गंभीर महिला अपराधों में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन में होता है इसका इस्तेमाल
जानकी शरण द्विवेदी
लखनऊ। महिला अपराधों के प्रति योगी सरकार लगातार संवेदनशील होती जा रही है। अपराधों का शत प्रतिशत पंजीकरण किए जाने के सख्त निर्देशों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की मंशा है कि महिलाओं से सम्बंधित अपराधों में वैज्ञानिक ढंग से साक्ष्य संकलन करते हुए मजबूत विवेचना की जाय तथा अदालतों में लगातार पैरवी करके आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाकर पीड़ित बालिकाओं व महिलाओं को न्याय दिलाया जाय। प्रदेश पुलिस अब गंभीर महिला अपराधों में वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर साक्ष्य संकलन पर ज्यादा जोर दे रही है। यही वजह है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। छोटी से छोटी सूचना को भी संज्ञान ले रही है। यही नहीं, महिला अपराध की सूचना मिलने पर न केवल थाने और चौकियों की पुलिस बल्कि पुलिस के आला अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच रहे हैं। बावजूद इसके महिलाओं से जुड़े अपराध लगातार हो रहे हैं।
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मिशन शक्ति अभियान के तहत यूपी पुलिस बालिकाओं व महिलाओं के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रही है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अदालतों में सख्त पैरवी करने हेतु विभाग द्वारा ‘आपरेशन शिकंजा’ चलाया जा रहा है। इसकी समीक्षा जोन स्तर पर सीधे अपर पुलिस महानिदेशक करते हैं। गंभीर महिला अपराधों की जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो, इसे लेकर पुलिस अफसर सतर्क हैं। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट नई दिल्ली ने इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ ने सूबे के सभी जिलों की पुलिस को सेक्सुअल एसाल्ट फारेंसिक एवीडेंस (सेफ) किट मुहैया कराई है। शासन ने थानों और चौकियों की पुलिस को निर्देश दिया है कि गंभीर आपराधिक मामलों में जब पीड़िता को थाने या चौकी की पुलिस चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाए तो चिकित्सकीय जांच करने वाले चिकित्सक को यह किट उपलब्ध करा दें। किट मिल जाने के बाद पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सकों को तकनीकी सबूत एकत्रित करने में आसानी होगी। किट के जरिए इकट्ठा किए गए सबूत पुलिस की विवेचना और आरोपितों को सजा दिलाने में अहम साबित होंगे। संतकबीरनगर जिले की पुलिस ने उसे अब तक प्राप्त हुए शत प्रतिशत किट का इस्तेमाल कर सूबे की पुलिस के लिए एक नजीर पेश किया है। उसका नाम इस किट का इस्तेमाल करने वाले प्रदेश के शीर्ष जनपदों में शामिल हो गया है। संतकबीरनगर पुलिस की इस उपलब्धि पर शासन ने भी उसकी पीठ थपथपाई है।
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बताते चलें कि निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ कराए गए किट्स थानों और चौकियों की पुलिस कर्मियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा कर संतकबीरनगर की पुलिस ने मिसाल पेश की है। जिले के पूर्व एसपी डॉ. कौस्तुभ के निर्देशन में पुलिस ने शत-प्रतिशत किट का इस्तेमाल किया, जो पूरे सूबे की पुलिस के लिए नजीर बन गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) लखनऊ ने संतकबीरनगर पुलिस की सराहना की है। निदेशक विधि विज्ञापन प्रयोगशाला लखनऊ द्वारा बस्ती जिले को 33, संतकबीरनगर को 18, सिद्धार्थनगर को 46, बहराइच को 38, बलरामपुर को 26, गोंडा को 34, श्रावस्ती को 17, देवरिया को 32, गोरखपुर को 61, कुशीनगर को 30 और महराजगंज जिले को 30 किट उपलब्ध कराई गई थी। न केवल गोरखपुर जोन बल्कि पूरे प्रदेश में केवल संतकबीरनगर पुलिस ने सौ फीसदी किट का इस्तेमाल किया है। बताते चलें कि पिछले छह महीने में बहराइच में 75, गोरखपुर में 58, संतकबीरनगर में 45, गोंडा में 44, बस्ती में 36, श्रावस्ती में 26, सिद्धार्थनगर में 24, कुशीनगर में 29, महराजगंज में 16, बलरामपुर में 15 और देवरिया में सात महिलाओं के साथ गंभीर आपराधिक वारदातें हुई हैं।
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क्या है सेफ किट?
यौन शोषण और बलात्कार जैसे गंभीर मामलो में तत्काल चिकित्सकीय-कानूनी जांच करने और सबूत एकत्रित करने में मदद के लिए सेक्सुअल एसाल्ट फारेंसिक एवीडेंस (सेफ) किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह किट निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की पुलिस को मुहैया कराई गई हैं। कई बार सैंपल कलेक्शन के दौरान कुछ ज़रूरी चीज़ें छूट जाती हैं लेकिन इस किट के चलते ऐसा न के बराबर होगा। जांच किट सरकार के निर्भया कोष के तहत ख़रीदी गई हैं।
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महत्वपूर्ण सूचना
जिले के युवा जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार और नवागत सीडीओ गौरव कुमार की अगुवाई में जिले में बड़े बदलाव की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। यह दोनों युवा अधिकारी Transforming Gonda के नारे के साथ जिले के चाल, चरित्र और चेहरे में आमूल चूल परिवर्तन लाना चाहते हैं। जिले के विकास के लिए शुरू की गई अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं इसी दिशा में किए जा रहे कोशिशों का परिणाम है। आगामी 21 जून को जब पूरा विश्व योग दिवस मना रहा होगा, तब योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्म स्थली पर इन दोनों अधिकारियों ने कुछ विशेष करने का निर्णय लिया है। लक्ष्य है कि जिले की करीब एक तिहाई आबादी को उस दिन योग से जोड़ा जाय। इस क्रम में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए जनपद के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए YOGA DAY GONDA नाम से एक फेसबुक पेज बनाया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से जरूरी सूचनाएं, गतिविधियों आदि की जानकारी व फोटोग्राफ इत्यादि इसी पेज पर शेयर किए जाएंगे। कृपया आप इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हुए इससे जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पेज को LIKE करें तथा अपने परिचितों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
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जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक
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