UP News : धनतेरस पर्व की प्रशासनिक तैयारियां शुरू, अन्नपूर्णा मंदिर में अफसरों ने की बैठक
स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन पूजन में कोविड प्रोटोकाल का पालन आवश्यक,मंदिर के महंत से सुरक्षा बिंदुओं पर चर्चा
वाराणसी (हि.स.)। धनतेरस पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र स्थित मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए उमड़ने वाली संभावित भीड़ को लेकर प्रशासनिक तैयारी शुरू हो गई हैं। कोरोना संकटकाल में मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए मंदिर प्रशासन भी व्यवस्था में जुट गया है।
एडीएम सिटी गुलाबचंद और एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी शुक्रवार को मंदिर में पहुंचे और मंहत रामेश्वरपुरी के साथ बैठक कर सुरक्षा बिंदुओं पर चर्चा की। अफसरों को मंदिर के पुजारियों ने बताया कि वर्ष में सिर्फ चार दिन के लिए स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन और खजाना वितरण आम श्रद्धालुओं में होता है। खजाना पाने और माता के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। अफसरों से बातचीत के दौरान तय हुआ कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करने और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जायेगा। एक बार में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
बताते चले, धनतेरस पर्व 12 नवम्बर को है। स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का दर्शन धनतेरस पर्व से चार दिनों तक होता है। लेकिन खजाना केवल धनतेरस को ही वितरित किया जाता है। खजाने में जहां द्रव्य (पैसा) होता है तो धान और लावा का वितरण किया जाता है।
काशी में मान्यता है कि धनतेरस के मौके पर माता का दर्शन-पूजन करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती। अन्न धन का भंडार वर्ष पर्यंत बना रहता है। मां अन्नपूर्णेश्वरी के दरबार की बाबा विश्वनाथ स्वयं याचक रूप में खड़े हैं।
मान्यता है बाबा अपनी नगरी के पोषण के लिए मां की कृपा पर आश्रित हैं। रजत शिल्प में ढले बाबा की झोली में अन्नदान करती अन्न दात्री की कमलासन पर ठोस सोने की मूर्ति व दायीं ओर मां लक्ष्मी और वाम भाग में भूदेवी की भी स्वर्ण प्रतिमा विराजमान है।