UP : अब बिना पंजीकरण इन सामानों को नहीं बेंच पाएंगे दुकानदार
प्रादेशिक डेस्क
कानपुर। चश्मा, व्हीलचेयर, थर्मामीटर, दस्ताने, मास्क, ऑक्सीमीटर जैसे चिकित्सा उपकरणों को बेचने और स्टोर करने के लिए भी व्यापारियों को अब राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। केन्द्र सरकार ने चिकित्सीय प्रयोग में आने वाले उपकरणों की इंडस्ट्री को नियमित करने की तैयारी की है। उसी कड़ी में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है।चश्मा, वयस्क डायपर, ऑक्सीजन केन या कंसट्रेटर, सेनेटरी पैड, गाज-पट्टी, टेप और हड्डी रोग में इस्तेमाल होने वाली तमाम तरह की बेल्ट बेचने वाले गैर मेडिकल स्टोरों के वितरकों को नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए शुल्क भी जमा करना होगा। अब तक शहर में 14 वितरकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बीती 30 सितम्बर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जो व्यापारी इनविट्रो डायग्नोस्टिक मेडिकल डिवाइस बेचना या स्टोरज करना चाहते हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन करा कर लाइसेंस लेना होगा। व्यापारियों को दवा के होलसेल लाइसेंस की तरह स्टोरेज का पर्याप्त स्थान दिखाना होगा। लाइट आदि की व्यवस्था भी सुचारु रूप से दिखानी होगी। साथ ही कर्मचारियों के प्रोफेशनल प्रमाणपत्र की भी जानकारी आवेदन में देनी होगी। दवा फुटकर व्यापार मंडल के चेयरमैन, संजय मेहरोत्रा ने कहा कि कई सामान परचून की दुकान में भी मिल जाते रहे हैं पर अब चिकित्सा में उपयोग होने वाले सामानों और उपकरणों को भी बेचने पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा मेडिकल स्टोर, होलसेल मेडिकल स्टोर के संचालकों को इसके रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। उनके पास पहले से ही फॉर्म 20, 21, 20 बी और 21 बी के तहत लाइसेंस रहता है।
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