Lucknow News : फूल गोभी की खेती है बहुत फायदेमंद, दवा का छिड़काव समय पर जरूरी

लखनऊ (हि.स.)। विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा के साथ ही प्रोटीन की मात्रा से भरपूर फूलगोभी की खेती किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद है। वैसे तो इसकी खेती साल भर की जा सकती है लेकिन, सितम्बर-अक्टूबर में फूलगोभी की खेती पर्याप्त मात्रा में की जाती है। जिन किसानों की फूलगोभी तैयार होने वाली है। उन्हें इस मौसम में कीड़ों से बचाने के लिए समय-समय पर दवा का छिड़काव करना जरूरी है।

इस संबंध में सीमैप के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि फूल गोभी की उपज लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद का डालना जरूरी है। इसके लिए एक हेक्टेयर भूमि में 35 से 40 कुन्तल गोबर की सड़ी हुई खाद डालनी चाहिए। एक कुन्तल नीम की सड़ी खाद डालने से जमीन के दुष्प्रभावी कीड़े नष्ट हो जाते हैं। रोपाई के 15 दिनों के बाद वर्मी वाश का प्रयोग करना उपयुक्त होता है।

डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि देर वाली फसल में 10 से 15 दिनों के अंतर पर सिंचाई करना चाहिए। खरपतवार के नियंत्रण के लिए निराई गुड़ाई ज्यादा गहराई से नहीं करना चाहिए। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि कीट नियंत्रण में कटुवा इल्ली के लिए फोरेट 10 जी की 10 किग्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करना उपयुक्त होता है। वहीं माहू के लिए मैलाथियान पांच प्रतिशत या कार्बरिल 10 प्रतिशत चुर्ण का 19 से 26 किलो ग्राम प्रति हेक्टयेर का छिड़काव करना उपयुक्त होता है।

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि हीरक पृष्ठ पतंगा दुनिया भर की गोभीवर्गीय सब्जियों के लिए अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहा है।  इसके नियंत्रण के लिए किसानों को डीपेल आठ एल या पादान 50 इ.सी का 1000 मिली की दर से प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए। थायोडा या स्पाइनोशेड भी इसके लिए उपयुक्त दवा है। तबांकू की इल्ली के लिए किसानों को न्यूक्लियर पालीहाईडोसिस वायरस 250 का छिड़काव करना ठीक होता है। मैलाथियान या स्पाइनेशेड भी उपयुक्त दवा है।

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