Gonda News:आपदा प्रबन्धन को लेकर लेखपालों को दिया गया प्रशिक्षण

आपदा पूर्व की तैयारी से आपदा के समय हो सकता है कम नुकसान

संवाददाता

गोण्डा। जिलाधिकारी के निर्देशन में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन दिवस के अवसर पर आपदा प्रबन्धन कार्यालय में तहसील सदर के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया गया तथा शीत लहर, बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी आकस्मिक आपदाओं से निपटने व पूर्व तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षु लेखपालों को बताया गया कि समय-समय पर शीत लहर, बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी आकस्मिक आपदाएं आती ही रहती हैं और इनके कारण जीवन और सम्पत्ति की बहुत हानि होती है। इसलिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने और जहां तक सम्भव हो। इन आपदाओं को कम से कम करने के उपाय और साधन खोजे जाएं। आग, दुर्घटना तथा महामारी आदि द्वारा होने वाली आपदा विनाशकारी प्राकृतिक विपत्तियों की तरह ही आकस्मिक होती हैं और उन्हीं के समान विनाशकारी भी होती हैं। उन्होंने बताया कि आपदाओं से होने वाले नुकसान का आकड़ा हमारी आपदा से पूर्व की तैयारी पर निर्भर करता है। यदि हमारी पूर्व की तैयारी और जानकारी अच्छी है, तो निश्चित ही आपदा के दौरान नुकसान कम से कम होगा। इसलिए आपदा प्रबन्धन के महत्व व बारीकियों को जानना बेहद जरूरी है। कार्यशाला में निर्देश दिए गए कि वे लोग अभी से आपदा से जुड़े हर अधिकारी कर्मचारी के नम्बरों का आदान-प्रदान कर लें जिससे आपदा के दौरान सूचनाएं आसानी से मिल सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व विभाग द्वारा आपदाओं के पूर्व व आपदा के दौरान की जाने वाली तैयारियों तथा कार्यवाहियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया तथा बताया गया कि आपदाओं से निपटने के लिए क्या, कब और कैसे करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा दो प्रकार की होती हैं-प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा। उदाहरण के लिये आग, दुर्घटनाएं (सड़क, रेल या वायु) औद्योगिक दुर्घटनाएं या महामारी मानव निर्मित आपदाओं के कुछ उदाहरण हैं। प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों ही आपदा भयानक विनाश करती हैं। मानव जीवन की क्षति, जीविकोपार्जन के साधनों, सम्पत्ति और पर्यावरण का नुकसान इन आपदाओं के कारण होता है। जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने आपदाओं के प्रकार तथा खतरनाक रासायनिक जोखिमों के बारे में बहुत की रोचक ढंग से लोगों को प्रशिक्षित किया तथा सवालों व जवाबों के माध्यम से अधिकारियों का ज्ञानवर्धन किया। इस दौरान मास्टर ट्रेनर, जिला आयुर्वेद अधिकारी, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

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