90 करोड़ की हेरोइन के साथ पांच तस्कर गिरफ्तार

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ड्रग तस्करी में लिप्त एक अतंरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना समेत पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपी तस्करों के कब्जे से पुलिस ने करीब 90 करोड़ रुपये कीमत की23 किलोग्राम उम्दा क्वालिटी की हेरोइन बरामद की है। बरामद हेरोइन म्यंमार से मणिपुर के रास्ते भारत में लाई गई थी। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है। गिरफ्तार तस्करों में बिहार निवासी उदय कुमार, सुबोध दास, संजीव कुमार और असम निवासी नित्यानंद व राहुल हांडिक शामिल हैं। तस्करों के बजे से पुलिस ने दो कार भी जब्त की गई है। इन कारों में हेरोइन छिपाकर रखने के लिए गुप्त कैविटी बनाई गई थी। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक कार में सवार होकर आए आरोपियो में उदय कुमार, सुबोध दास और संजीव कुमार को गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली के मुकुंदपुर चौक के पास आउटर रिंग रोड पर 8 सितम्बर को दबोचा गया। उनके कब्जे से से करीब 20 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई। वहीं आरोपी नित्यानंद और राहुल को प्रगति मैदान के समीप भैरो रोड स्थित टी-पॉइंट पर 9 सितम्बर को दबोचा गया। इनके पास से 3 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई। दोनों ही जगहों से पकड़े गए तस्करों ने अपनी-अपनी कार में ड्रग्स छिपाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गुप्त कैविटी बनवाई थी।
डीसीपी के मुताबिक स्पेशल सेल ने पिछले कुछ समय से ड्रग्स की तस्करी करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। इस क्रम में कई तस्करों को दबोचा गया और मादक पदार्थ बरमाद भी किया गया। इस दौरान ही इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। तभी से एसीपी अतर सिंह की टीम इस पर काम कर रही थी। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि मणिपुर, असम, यूपी, बिहार और दिल्ली राज्यों में यह गिरोह तस्करी करता है। यह भी जानकारी मिली कि यह गिरोह असम में हेरोइन की आपूर्ति प्राप्त करते हैं, जो मणिपुर के जरिये म्यांमार से आता है। फिर इसे देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करते थे। करीब चार महीने की जांच के बाद यह सूचना मिली कि 8 सितम्बर को गिरोह के सदस्य हेरोइन की एक बड़ी खेप लेकर राजधानी पहुंच रहे हैं। इसके बाद गिरोह तीन तस्करों उदय, सुबोध और संजीव (बिहार के सभी निवासी) को मुकुंदपुर चौक पर दबोचा। इसके बाद गिरफ्तार तस्करों ने यह खुलासा किया कि उन्होंने असम के एक नित्यानंद से बरामद हेरोइन की आपूर्ति दिल्ली में एक व्यक्ति को करने के लिए की थी। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि नित्यानंद अपने सहयोगी ड्राइवर राहुल को भी अपने साथ लखनऊ तक लेकर आया कहा है। नित्यानंद और राहुल एक व्यक्ति को हेरोइन की दूसरी खेप पहुंचाने के लिए लखनऊ में रुक गए। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि दिल्ली में समान की आपूर्ति करने के लिए उपरोक्त दोनों को अधिक हेरोइन के साथ दिल्ली में मिलना था। गिरफ्तार व्यक्तियों के खुलासे के बाद पुलिस ने नित्यानंद और राहुल को भी प्रगति मैदान के पास भैरो रोड टी-पॉइंट पर धर दबोचा।
पूछताछ में नित्यानंद ने बताया कि म्यांमार में निर्मित उम्दा क्वालिटी की हेरोइन के मणिपुर सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मांग है। यह बताया कि इस हेरोइन की देश के विभिन्न हिस्सो के अलावा बाहर भी सप्लाई की जाती है। इसके अलावा उसने यह भी खुलासा किया कि बरामद हेरोइन की खेप मणिपुर के एक कुख्यात ड्रग सप्लायर ने सप्लाई की थी। उसने बताया कि वह साल 2015 में वह मणिपुर के कुख्यात ड्रग सप्लायर नानवा के संपर्क में आया जिसने उसे ड्रग सप्लाई में काम करने का लालच दिया। लगभग 2 वर्षों तक उन्होंने नानवा के साथ काम किया लेकिन बाद में उन्होंने अपना नेटवर्क विकसित किया। उन्होंने मणिपुर के विभिन्न तस्करों से हेरोइन की खरीद शुरू की और अपने सहयोगियों की मदद से देश के कुछ हिस्सों में आपूर्ति करनी शुरू कर दी। स्पेशल सेल की इस पूरे नेटवर्क पर नजर है और हेरोइन के आपूर्तिकर्ताओं और रिसीवर को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले 3-4 वर्षों से, यह देखा जा रहा है कि मणिपुर से भारत के अन्य राज्यों के लिए म्यांमार से हेरोइन की तस्करी का यह एक नया मार्ग है। स्पेशल सेल ने इस मार्ग पर पैनी नजर रखी है। म्यांमार से लाई गई हेरोइन न केवल तुलनात्मक रूप से सस्ती है, बल्कि यह यूपी के बरेली, बदायूं, बाराबंकी, मप्र के मंदसौर और झालावाड़, छीतरगढ़, भवानी में पारंपरिक वैध अफीम उगाने वाले क्षेत्रों में निर्मित हेरोइन की तुलना में राजस्थान की मंडी बहुत अच्छी गुणवत्ता की है।

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